45 WPM Hindi Dictation For MP High Court part 221
Total Words - 474
सोनिया गांधी का दावा है कि वे पार्टी का सुधार नीचे से प्राप्त
फीडबेक के आधार पर करना चाहती है, लेनिक लिंक से हटने के वह संकेत नहीं दे रही है।
उत्तर प्रदेश में लोक सभा की 80 सीटें है लेकिन सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने
रायबरेली और अमेठी के अलावा प्रदेश का ना तो कभी संज्ञान लिया और ना अब ले रहे है।
उत्तर पद्रेश का पयोग यह भी साबित करता है कि कांग्रेस जनों को एकजुट रखने का एक
मात्र उपाय पदों का बांटना रह गया है जो संगठन आत्मचिंतन करने की क्षमता को खो
देता है, उसका पुर्नउद्धार संभव नहीं होता।
कांग्रेस की स्थिति में गिरावट पर सबसे सटीक और समीक्षात्मक प्रतिवेदन ए के एंटनी ने तैयार किया था, जिसे कूढ़ेदान में फेंक दिया गया। कांग्रेस की केन्द्र और राज्यों की सरकारें भ्रष्टाचार के कारण ही अपदस्थ हुई है। कांग्रेस अभी इस मामले में सीख लेने के लिए तैयार नजर नहीं आती। विचित्र है कि कांग्रेस को बचाव के लिए आक्रामक होने की रणनीति अपनाना भी नहीं आता। कांग्रेस नेतृत्व वहीन तो हो ही गई है, उसने केडर से सच कहने का साहस भी खो दिया है। ऐसे में उनका पुर्नउद्दार असंव है भले ही उसने संजय गांधी को अपने नेताओं की सूची से दरिकिनार कर दिया हो, क्योंकि उनकी पत्नि और पुत्र दोनो की भाजपा में है, लेकिन उसे अपनी खोई हुई जमीन हासिल करने के लिए संजय गांधी जैसा जुझारू नेतृतव तलाश करना ही होगा।
यहां पर हर किसी को किसी की तलाश है। भगदड़-सी मची हुई है। कल और दिलफुर्ती से बदल रहीं हैं। सभी हल्कान हैं किसी को चेहरा चाहिए, तो किसी को मुहरा। जनता को बस एक अदद सरकार चाहिए, पर अभी भी उस पर कोहरा छाया हुआ है। मौसमी कोहरा तो मौसम बदलने पर छठ जायेगा, पर राजनीतिक कोहरे के खुलने मे वक्त भी है और अंदेशा भी है।
राजधानी में मौसम फिलहाल सर्द है पर ‘’सेवा’’ करने की गर्मी अचानक बढ़ गई है। लोग एक चेहरे पर नजर टिकाते है, लेकिन तभी वह अचानक धुंध में विलीन हो जाता है। इसके बाद नया चेहरा उभरता है, पहले से अधिक उजला और बेदाग, पर उस पर भी छीटे पड़ने शुरू हो जाते है। लोग चेहरे यप वा यक रोज बदल रहे है, पर जनता के भाग कब बदलेंगे, इसकी कोई पुख्ता खबर अभी तक नहीं है। कुछ लोग कहते है कि जनता को चेहरा चाहिए। इस पर वे कहते है कि हमारा तो एक ही चेहरा है। अब चेहरा आगया है तो कहते है कि वह मोहरा है।
जनता असमंजस में है उससे कोई नहीं पूछ रहा कि उसे क्या चाहिए? उसके हाथ में एक अदद बटन है, जिसकी मदद से कई लोग अपने काज टांकना चाहते है। चुनाव बाद जनता को वे सब अंगूठा दिखा सके, इसके लिए वे सब जनता का अंगूठा भी काट लेना चाहते है।
कांग्रेस की स्थिति में गिरावट पर सबसे सटीक और समीक्षात्मक प्रतिवेदन ए के एंटनी ने तैयार किया था, जिसे कूढ़ेदान में फेंक दिया गया। कांग्रेस की केन्द्र और राज्यों की सरकारें भ्रष्टाचार के कारण ही अपदस्थ हुई है। कांग्रेस अभी इस मामले में सीख लेने के लिए तैयार नजर नहीं आती। विचित्र है कि कांग्रेस को बचाव के लिए आक्रामक होने की रणनीति अपनाना भी नहीं आता। कांग्रेस नेतृत्व वहीन तो हो ही गई है, उसने केडर से सच कहने का साहस भी खो दिया है। ऐसे में उनका पुर्नउद्दार असंव है भले ही उसने संजय गांधी को अपने नेताओं की सूची से दरिकिनार कर दिया हो, क्योंकि उनकी पत्नि और पुत्र दोनो की भाजपा में है, लेकिन उसे अपनी खोई हुई जमीन हासिल करने के लिए संजय गांधी जैसा जुझारू नेतृतव तलाश करना ही होगा।
यहां पर हर किसी को किसी की तलाश है। भगदड़-सी मची हुई है। कल और दिलफुर्ती से बदल रहीं हैं। सभी हल्कान हैं किसी को चेहरा चाहिए, तो किसी को मुहरा। जनता को बस एक अदद सरकार चाहिए, पर अभी भी उस पर कोहरा छाया हुआ है। मौसमी कोहरा तो मौसम बदलने पर छठ जायेगा, पर राजनीतिक कोहरे के खुलने मे वक्त भी है और अंदेशा भी है।
राजधानी में मौसम फिलहाल सर्द है पर ‘’सेवा’’ करने की गर्मी अचानक बढ़ गई है। लोग एक चेहरे पर नजर टिकाते है, लेकिन तभी वह अचानक धुंध में विलीन हो जाता है। इसके बाद नया चेहरा उभरता है, पहले से अधिक उजला और बेदाग, पर उस पर भी छीटे पड़ने शुरू हो जाते है। लोग चेहरे यप वा यक रोज बदल रहे है, पर जनता के भाग कब बदलेंगे, इसकी कोई पुख्ता खबर अभी तक नहीं है। कुछ लोग कहते है कि जनता को चेहरा चाहिए। इस पर वे कहते है कि हमारा तो एक ही चेहरा है। अब चेहरा आगया है तो कहते है कि वह मोहरा है।
जनता असमंजस में है उससे कोई नहीं पूछ रहा कि उसे क्या चाहिए? उसके हाथ में एक अदद बटन है, जिसकी मदद से कई लोग अपने काज टांकना चाहते है। चुनाव बाद जनता को वे सब अंगूठा दिखा सके, इसके लिए वे सब जनता का अंगूठा भी काट लेना चाहते है।
45 WPM Hindi Dictation For MP High Court part 21
#HINDIDICATION
No comments:
Post a Comment