Monday, 29 January 2018

Hindi Dictation for High Court Exam 40 WPM Legal matter

पतिवादी ने अपने वादोत्‍तर में वादी  को वादग्रस्‍त दुकान आवंटित की जाना एवं न्‍यायालयीन डिकी के पालन में अगस्‍त 2008 में दुकान क्रमांक 98 को गिरा दिए जाने के कारण वादी की किराएदारी समाप्‍त होना स्‍वीकार किया है। प्रतिवादी का यह अभिवचन यह है कि वादी द्वारा किराए पर प्राप्‍त दुकान क्रमांक 98 को हटाया जाकर आवागमन का रास्‍ता प्राप्‍त करने के लिए एक दीवानी वाद 223 द्वितीय व्‍यवहार न्‍यायाधीश वर्ग 1 कटनी के समक्ष प्रकाश विरूद्ध आयुक्‍त नगर निगम, सागर प्रस्‍तुत हुआ था।
इन दिनो लोगों का समय भारी  व्‍यवस्‍ता में वीत रहा है। कुछ लोग कमाने में जुटे है तो कुछ कमाया हुआ ठिकाने लगाने में। अब जिनके पास खूब धन आ गया यदि वो अशांत होगे तो और जिनका गया तो भी शांत नहीं होगे तो बेकार रही सारी मारा मारी। जरा इस बात पर ध्‍यान दीजिए बचाया क्‍या हमने? हमारी बचत सुख के साथ शांति होना चाहिए। जब हमारे भीतर मानसिक उत्‍तेजना आती है तो व्‍यक्तित्‍व में अधीरता आ जाती है।
          आवेदक ने दुर्घटना के कारण उसे दाहने पैर की हड्डी दो जगह से टूटना बताया है। आवेदक को दुघर्टना के कारण अस्थिभंग आने की पुष्टि आवेदन द्वारा प्रस्‍तुत दस्‍तावेजों से होती है। अत: यह तो प्रमाणित है कि आवेदक को दुर्घटना के कारण गंभीर उपहति कारित हुई थी परंतु उक्‍त्‍ चोटों के कारण आवेदक को स्‍थाई अपंगता कारित होने के संबंध में आवेदक ने कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत नहीं की है और ना ही किसी चिकित्‍सक साक्षी का कथन कराया है।

          मन को स्थिर करने का सबसे सरल उपाय है कि चुपचाप बैठ जाये और मन जहां जाये उसे जाने दे। बस उसे देखते रहे। दृणता पूर्वक इस भाव का चिंतन करने की मैं मन को विचरण करते हुए देखने वाला साक्षी हूं फिर ऐसी कल्‍पना करे कि मानों मन मुझसे बिलकुल अलग है और मैं ईश्‍वर से जुड़ा हूं सोचिए कि मन एक विस्‍तृत सरोवर है और आने जाने वाले विचार इसके तल पर उठने वाले बुलबुले है। दूसरों के मन की बात जानने की उत्‍सुकता प्रत्‍येक व्‍यक्ति में होती है। मनोवैज्ञानिक सहित बहुत से लोग चेहरे के भावों को पड़कर दूसरों के मन की बात जान लेते है अर्थात वे मनोभाव को जानने मे माहिर होते है लेकिन आपके मन में क्‍या चल रहा है। इसे शब्‍द: जानकर बतादेना आश्‍चर्य ही है। योग से यह आश्‍चर्य प्राप्‍त किया जा सकता है। आप सोचे और हमें बता दे कि आपने क्‍या सोचा है। मन को स्थिर करने का सबसे सरल उपाय यह है कि चुपचाप बैठ जाए और मन जहां जाए उसे जाने दे। बस उसे देखते रहे। दृणता पूर्वक इस भाव का चिंतन करे कि मैं मन को विचरण करते।

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