Tuesday 13 February 2018

Legal Dictation in Hindi | 40 WPM | Hindi Typing | For SSC steno dictation | Mater Link | Post-120


कुल 483
समय 12 मिनिट


राजकीय तथा सामाजिक संस्‍थाए भी परोक्ष रूप से अपराध की दर को भावित करती है। विधि के प्रवर्तन में शिथिलता अपराध का एक कारण है यदि राजकीय संस्‍थानों द्वारा  विधि का परचिालन कठोरता से किया जाये तेा अपराध की दर गिर जाती है इसके विपरीत यदि विधि के क्रियान्‍वयन में शिथिलता आ जाये, तो अपराध की दर बढ़ जाती है। राजनीतिक संस्‍थाए निम्‍न प्रकार से अपराध की दर को प्रभावित करती है।
         राजनीतिक संस्‍थाए, उच्‍च आर्थिक स्थिति के ऐसे व्‍यक्तियों द्वारा प्रभावित रहती है जो अनुचित तरीको से धन कमाते है। यथा मुनाफाखोरी टेक्‍सों से बचाव श्रमिकों का शोषण आदि, ऐसे व्‍यक्ति राजनीतिक संस्‍थाओं की आड़ में सुरक्षित रहते है राजनीतिक संस्‍थाए पुलिस पर भी प्रभाव डालती है। फलस्‍वरूप राजनीतिक संस्‍थाओं से संबद्ध अपराधी, कानून की पकड़ से बंचित रहते है।
         अधिकांश स्‍वेत बंसत अपराध राजनीतिक संस्‍थाओं की आड़ में संभव होते है। ऐसे अपराधी राजनीतिक संस्‍थाओं की आर्थिक सहायता देते है और अनुचित तरीको से धन एकत्र करते है।
         इसी प्रकार सामाजिक संस्‍थाए भी जिनमें धर्म, रीति रिवाज आदि मुख्‍य है अपराध की दर को प्रभावित करती है अपराध की दर को धर्म तथा रीति रिवाज निम्‍न प्रकार से प्रभावित करते है
धार्मिक संस्‍थाए अपने अनुसार रूप में अनुयायियेां को धर्मांध बना देती है, उनमें अन्‍य धर्मो में प्रति, सहनशीलता और आदर की भावना समाप्‍त हो जाती है। फलस्‍वरूप धार्मिक मतभेद साम्‍प्रदायिक विवदो में बृद्धि करते है। उग्र रूप में धार्मिक मतभेद, हिसा का रूप धारण करते है फलस्‍वरूप अपराध की दर बढ़ती है। इसी प्रकार अनेक समाजो में ऐसे रीति रिवाज प्रचलित रहते है जिनमें हत्‍या को शौर्य का प्रतीक माना जाता है उदाहरण के लिए आदिवासी समाजों में सिरोच्‍छेद की प्रथा प्रचलित है इस प्रकार के रीति रिवाज अपराध में बृद्धि करते है अपराध के प्रचार और प्रसार की दृष्टि से ंसचार में लोकअभिकरणों का विशेष स्‍थान है। अपराध की दर को प्रभावित करने दृष्टि से इनमें निम्‍न उल्‍लेखनीय है। समाचार पत्र निम्‍न प्रकार से अपराध के प्रसार में योग देते है। समाचार पत्रो में अपराध संबंधी सूचनाएं प्रकाशित होती है। यथा चोरी डकैती और हत्‍या की घटनाए इस प्रकार की  घटनाओं में अपराधी प्रकृति के लोगों में अपराध के प्रति झुकाव बढ़ता है। अपराध संबंधी सूचनाओं के प्रसार से अपराध लोगों को एक सामान्‍य व्‍यवहार की भांति प्रतीत होने लगता है।  यदि  न्‍यायालयों द्वारा अपराधियों को मिलने वाले दण्‍ड की सूचना प्रकाशित हो, तो लोग अपराधी व्‍यवहार को भय की दृष्टि से देखते है।
समाचार पत्र विख्‍यात अपराधियों को पकड़ने से संबंधित योजनाओं का भी विवरण प्रकाशित करते है इससे अन्‍य अपराधी सजग हेा जाते है और अपने बचाव की तेयारी कर लेते है।
         चलचित्र लोगो के समक्ष जीवन के ऐसे स्‍वरूप को पेश करते है जिससे यथार्थ का बहुत कम संबंध होता है। कुछ चलचिद्धो में चोरी डकैती मारपीट की चमत्‍कारिक विधिया भी दर्शायी जाती है शान शौकत आकर्षक भेषभूषा चलचित्रों कें पमुख पक्ष होते है जिसका सामान्‍य दर्शकों पर

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