पार्ट 102
कुल शब्द 337
मध्यप्रदेश शासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग मध्यप्रदेश के आदेश
क्रमांक 941/956/2011/9 दिनांक 19-5-2017 द्वारा प्राथी की 14/08/2006 से
23/10/2007 तक 435 दिन की अवधि को डाईज नॉन घोषित किया गया इसमें 07/11/2006 से 23/10/2007
तक 350 दिन की निलंबन अवधि भी सम्मिलित हे। प्रार्थी को नियमों की उपेक्षा करते
हुए दण्ड दिया गया है जिसमे प्रार्थी के पक्ष पर विचार नहीं किया गया। जिससे न्याय
विफल हुआ है। इन कारणों से दुखी होकर यह
पुर्नविलोकन याचिका महामहिम आपके विचार
हेतु प्रस्तुत है। मध्यप्रदेश सिविल
सेवा (वर्गीकरण नियत्रण अपील) 1966 जिसे आगे वर्गीकरण नियम कहा जायेगा। के नियम 29(01) एवं 29(02) के अनुसर
किसी आदेश के पर्नविलोकन की कार्य तब की जायेगी जब आदेश 1 के विरूद्ध अपील
अनुज्ञात हो किंतु अपील ना की गई हेा। अपील के लिए अवधि काल समाप्त हो गया हो।
जहां अपील प्रस्तुत कर दी गइ हो और उसका निपटारा हो गया हो।
प्रस्तुत प्रकरण में
प्राथी अपनी अस्वस्थ्यता के कारण समय सीमा में अपील प्रस्तुत नहीं कर सका था।
अत: वर्गीकरण नियम 29(01) के अनुसार यह पुर्नविलोकन याचिका प्रस्तुत की जा
रही है।
वर्गीकरण नियम 29(1)
के अनुसार याचिका राज्यपाल महोदय तथा नियम 29(1)(3) के अनुसार अपीलीय अधिकारी उस
आदेश के जिसका पुर्नविलोकन किया जाना है
के छह माह के भीतर पुर्नविलोकन कर सकेंगे। दण्डादेश दिनांक 19/05/2017 को जारी
किया गया है अत: छह माह अर्थात 19/11/2017 के भीतर दण्डादेश का पुर्नविलोकन किया
जा सकता है।
अत: यह याचिका समय
सीमा में सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत की जा
रही हे और यह भी कि वर्गीकरण नियम 29(3) के अनुसार पुर्नविलोकन के आवेदन पत्र पर
उसी रीति से कार्यवाही की जावेगी, माना कि वह इन नियमों के अधीन अपील हो। तदनुसार
यह याचिका निम्न तथ्यों पर विचार करते
हुए महामहिम आपके समक्ष प्रस्तुत है। यह
कि अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित आदेश
प्राकृतिक न्यायसिद्धांत के विरोध में है। प्राकृतिक न्याय का यह सर्वमान्य
सिद्धांत है कि हितधारी व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिए बिना कोई आदेश पारित नहीं
किया जाना चाहिए। यदि ऐसा आदेश पारित भी किया जाता है तो प्रारंभत:
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