Tuesday, 6 February 2018

पार्ट 2-101


पार्ट 2-101
शब्‍द 316

संचनालय, खेल एवं  युवा कल्‍याण मध्‍यप्रदेश भोपाल के आदेश क्रमांक 3355 स्‍थान दिनांक 07/11/2006 द्वारा प्राथी को दिनांक 09/08/2006 से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के  कारण तत्‍काल प्रभाव से निलंबित किया गया था तथा आदेश  क्रमांक 3374 स्‍थान दिनांक 24/10/2007 द्वारा निलबंन से बेहाल किया गया था जिसके पालन में प्रार्थी 24/10/2007 को अपने कर्तव्‍य पर उपस्थित हुआ। इस प्रकार प्रार्थी दिनांक 07/11/2006 से 23/10/2007 तक निलंबन के अधीन रहा।
         संचालक खेल एवं युवा कल्‍याण मध्‍यप्रदेश के ज्ञापन क्रमांक 4590 स्‍थान दिनांक 22/01/2007 द्वारा प्रार्थी को दो पदों का  आरोप दिया गया।
         अनाधिकृत  रूप से दिनांक 09/08/2006 से लगातार अनुपस्थित रहकर मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1965 के नियम 3 एवं 7 के प्रावधानों का उल्‍लंघन किया।
         अनाधिकृत रूप से मुख्‍यालय से बाहर चले जाना एवं निवास का सही  पता नहीं देना। प्रार्थी द्वारा आरोपों का  उत्‍तर दिया गया तथा आरोप अस्‍वीकार किए गए। प्रार्थी द्वारा बताया गया कि प्राथी अपनी पत्नि एवं स्‍वयं की बीमारी के कारण अवकाश कर रहा तथा समय समय पर अवकाश आवेदन पत्र, अस्‍वस्‍थता प्रमाणपत्र सहित कार्यलय में  प्रस्‍तुत करता रहा  था।
         संचालक, खेल एवं युवा कल्‍याण मध्‍यप्रदेश के आदेश क्रमांक 1115 स्‍थान दिनांक 01/06/2010 द्वारा प्रार्थी के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की  गई जिसमें श्री मुकेश श्रीवास्‍तव अतिरिक्‍त पुलिस अधीयक्ष दमोह को  जांच अधिकारी नियुक्‍त किया गया तथा आदेश क्रमांक 1814 स्‍थान दिनांक 28/03/2010 द्वारा श्री सीताराम सत्‍या नगर पुलिस  अधीयक्ष दमोह को प्रस्‍तुत कर्ता अधिकारी नियुक्‍त किया गया।
         विभागीय  जांच उपरांत संचालक खेल एवं युवा कल्‍याण मध्‍यप्रदेश तथा श्री मुकेश श्रीवास्‍तव जांच अधिकारी की अनुशंसा अनुसार मध्‍यप्रदेश शासन खेल एवं युवा कल्‍याण विभाग मध्‍यप्रदेश के आदेश  क्रमांक 941/956/2011/9/दिनांक 19/05/2017 द्वारा प्राथी का 14/08/2006 से 23/08/2007 तक 435 दिन की अविध को  डाईजाने घोषित कयिा गया इसमे 07/11/2006 से 23/10/2007 तक 350 दिन की निलबंन अवधि भी सम्मिलित है।
         प्रार्थी को नियमों की उपेक्षा करते हुए दण्‍ड दिया गया है जिसमें प्राथी के पक्ष पर

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