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कोई व्यापार
चिन्ह, जो उसी या समरूप माल या
सेवाओं या उसी विवरण के माल या उसी विवरण की सेवाओं के बावत् ऐसे अनेक व्यापार
चिन्हों का स्वयत्यधारी होने का दावा करता है, और वह उन
व्यापार चिन्हों को रजिस्टर कराना चाहता है ऐसा स्वयत्यधारी जिन व्यापार
चिन्हों का स्वयत्यधारी का दावा करता है, वे अपनी तात्विक
विश्षिटयों मे सदृश हेाते हुए भी निमनलिखत के
बारे में भिन्न है जिस माल या सेवा के बारे में कृमश: उपयोग किए जाते है या जिनका
उपयोग प्रस्तावित है उनके कथ्न के बारे में या सख्या, कीमत,
क्वालिटी या स्थानों के नामों के कथन के बारे में अन्य बातो में,
बारे मे जा सुभिन्य प्रकृति की नहीं है और जो उस व्यापार चिन्ह
की पहचान को सारत: प्रभावित नहीं करती है, या रंग के बारे
में।
सहयुक्त व्यापार चिन्हों कें रूप में व्यापार चिन्हों का रजिस्ट्रेशन
या धारा सहयुक्त व्यपार चिनहों के रूप में व्यपार चिन्हो कें रजिस्ट्रेशन के
बारे में निम्नलिखित उपबंध करती है। जहां कोई व्यपार चिन्ह जो किसी माल या सेवा
की बावत रजिस्ट्रीकरण है या रजिस्ट्रीकृत के लिए आवेदन का विषय है उसी स्वयत्धारी
के नाम उसी माल या उसी विवरण के माल या उसी सेवा या उसी विवरण की सेवा की बावत्
रजिस्ट्रीकृत है या रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन का विषय है किसी अन्य व्यापार
चिनह के तद्नुरूप है या इतना निकत: सदृश है कि यदि स्वयत्वधारी के अतिरिक्त,
कोई व्यक्ति उसका उपयोग करे तो धोखा या भ्रम होने की संभाव्यत: है,
वहां रजिसट्रार किसी भी समय, यह अपेक्षा कर
सकेगा कि वे व्यापार चिन्ह रजिस्टर में सहयुक्त व्यापार चिन्ह के रूप में
प्रविष्ट किए जायेगे।
जहां व्यापार चिन्ह की जो रजिस्टर किए जाते है, पहचान
है, या वे उनके निकट सदृश है अथवा उसे स्वयत्यधारी के नाम
रजिस्ट्रीकरण के आवेदनों को ऐसे माल और ऐसी सेवाएं के बारे में विषय वस्तु है जो उस माल या उस विवरण के माल और उन सेवाओं या
उस विवरण की सेवाओं से सहयुक्त है वहां उपधारा 1 उसी प्रकार लागू होगी जिस प्रकार
वह वहां लागू होती जहां उन चिन्हों की जो रजिस्टर किए गये है, पहचान है या वे उनसे निकट सदृश है या वे
उसी माल या वर्णन के माल या उन्हीं सेवाओं या वर्णन की सेवाओं के बारे में उसी स्वयत्यधारी
के नाम से रजिस्ट्रीकरण से आवेदनों की विषय वस्तु है। जहां धारा 15 की उपधारा 1
के उपबंधों के अनुसार, कोई व्यापार चिन्ह और उसका भाग उसी
स्वयत्यधारी के नाम में प्रथक व्यापार चिन्ह के रूप में रजिस्ट्रीकृत है वहां
वह संयुक्त व्यापार चिन्ह समझे जायेगे और उसी रूप में रजिस्ट्रीकृत किए
जायेगे। धारा 15 की उपधारा 3 के उपबंधों के अनुसार एक रजिस्ट्रीकरण में आवली के
रूप में रजिस्ट्रीकृत सभी व्यापार चिन्ह सहयुक्त चिनह समझे जायेगे और उसी रूप
में रजिस्ट्रीकृत किए जयेगे।
सहयुत व्यापार चिन्हों के रूप में रजिसट्रीकृत दो या दो से अधिक व्यापार
चिन्हों कें रजिसट्रीकृत स्वयत्यधारी द्वारा विहित रीति में आवेदन करने पर यदि
रजिस्ट्रार का समाधान हो जाता है कि यदि वह व्यापार चिन्ह उस माल या उन सेवाओं
या दोनों में से किसी के संबंध में, जिसकी बात यह रजिस्ट्रीकृत
है, किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उपयोग किया जाये तो धोखा या
भ्रम होने की संभाव्यता नहीं है, तो वह उनमे से किसी की
बावत सहयोजन समापत कर सकेगा और तद्नुसार रजिस्टर संशोधित कर सकेगा। इस प्रकार
धारा 16 उन परिस्थियियों का उल्लेख करती है जब सयुक्त व्यापार चिन्हों के रूप
में
व्यापार
चिनह के पूर्व उपयोक्ता के पक्ष में कब व्यादेश जारी किया जा सकता है। इस संबंध में 76 एक्सट्रेक्सन
लिमिटेड एवं अन्य बनाम कोचर आयल मिल्स लिमिटेड का वाद 1 उपयुक्त उदाहरण है।
वादी व्यापार चिन्ह पकवान के अधीन 1984 से रिफायंड तेल का निर्माता है।
प्रतिवादी ने 1993 से अखाद्य तेल और रिफायंड तेल को बनाने का काम व्यापार चिन्ह
सबेरा और पकवान के अधीन शुरू किया। निर्णीत हुआ कि वादी अस्थाई व्यादेशप्राप्त
करने का हकदार था।
धारीवाल इंडस्ट्री लिमिटेड बनाम मेसर्स एमएसएस फूड प्रोडक्ट के मामले मे
वादी द्वारा यह घोषित करने के लिए वाद फायल किया गया कि प्रतिवादी को पान मसाला
गुटका इत्यादि पर व्यापार चिन्ह मानिकचंद का
उपयोग करने का अधिकार नहीं है क्योंकि वह व्यापार चिन्ह वादी के व्यापार चिन्ह
मालिक चंद से इतना समरूप है कि धोखा हो जाये अत: प्रतिवादी को मानिकचंद व्यापार
चिन्ह रोकने से रोक दिया जाये। वादी एवं प्रतिवादी दोनों के व्यापार चिन्ह
रजिस्टड नही थे परंतु वादी ने अपने को पूव्र उपयोगता साबित किया। विचारण न्यायालय
ने प्रतिवादी को व्यापार चिन्ह मानिकचंद की
उपयोग करने से रोकते हुए अतिरिक्त व्यादेश मामले के अंतिम विनिश्य होने तक
पारित कर दिया। उच्च एवं न्यायालय द्वारा विचारण न्यायालय के निर्णय को सही
अभिनिर्धारित किया।
रजिस्टर्ड उपयोगिता को कुछ कार्यवाहियों में पक्षकार बनाए जाने के बारे
में धारा 136 निम्नलिखित उपबंध करती है।
अध्याय 7 के अधीन या धारा 91 के अधीन प्रत्येक कार्यवाही में अनुज्ञात
उपयोग के रूप में व्यापार चिन्ह का उपयोग करने वाले रजिस्ट्रीकृत उपयोकता को जो उस अध्याय या धारा के अधीन किसी कार्यवाही की बावत् स्वयं आवेदक
नहीं है। कार्यवाही में पक्षकार बनाया जायेगा। किसी अन्य विधि में किसी बात के
होते हुए भी कार्यवाही का इस प्रकार पक्षकार बनाया गया रजिस्ट्रीकृत उपयोकता किसी
खर्च के लिए तब तक दायी नहीं होगा जब तक कि वह उपसंजात ना हो और कार्यवाहियों में
भाग ना ले।
इस प्रकार ऐसा उपयोगिता कार्यवाही में
पक्षकार बनाया जायेगा, जो अध्याय 7 के अधीन (रजिस्टर के
परिशोधन एवं परिशुद्धि से संबधित अध्याय के अधीन) या धारा 91 के अधीन प्रत्येक
कार्यवाही में ( अपीलीय बोर्ड को अपीलों से संबंधित कार्यवाही में) अनुज्ञात उपयोग के रूप में व्यापार चिन्ह का उपयोग करने वाला रजिस्टर्ड
उपयोगिता है और वह अध्याय 7 या धारा 91 के अधीन किसी कार्यवाही के वारे में स्वंय
आवेदक नहीं है। धारा 137 रजिस्टर में किसी प्रविष्ट या धारा 148 की उपधारा 1 में
निर्दिष्ट किसी दस्तावेज की प्रति, जिसका रजिस्ट्रार
द्वारा प्रमाणित और व्यापार चिनह रजिस्ट्री की मुद्रा में मुद्राकिंत होना तात्पर्यित
है, सभी न्यायालयों में और सभी कार्यवाहियों में अतिरिक्त
सबूत पेश किये बिना साक्ष्य को
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