Thursday, 1 February 2018

55 WPM – 60 WPM Hindi Dictation for High Court, SSC, CRPF, Railways, LDC Exam Post 259 Matter Link

 पार्ट 259

कुल शब्‍द 580 समय 10 मिनिट (58 WPM)

55 WPM – 60 WPM Hindi Dictation for High Court, SSC, CRPF, Railways, LDC Exam Post 259 Matter Link

नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर फायनेंस मिनिस्‍टर अरूण जेटली मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करेगे। इसके पहले उनहोंने ब्‍लाग लिखकर सरकार के इस फेसले से हुए फायदे गिनाए। बता दे कि पिछले साल आठ नवम्‍बर को मोदी सरकार ने पांच सौ और एक हजार रूपए के नोट चलन से बाहर करने का एलान किया था। तब केन्‍द्र की ओर से कहा गया था कि यह फैसला काले धन, जाली कंरसी और टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के लिए लिया गया है। उधर, कांग्रेस नोटबंदी को फेल बताती रही है और बुधवार को काला दिवस मनायेगी। प्रेस कांफ्रेंस में अरूण जेटली ने यह भी कहा कि नोटबंदी का फैसला अभूतपूर्व था।  सरकार ने इसके जरिए अर्थव्‍यवस्‍था के भविष्‍य को बदलने का काम किया है। जेटली ने यह भी कहा कि लूट तो 2जी कॉमनवेल्‍थ और कोयला घोटाले में हुई इससे पहले गुजरात में प्रेस कांफ्रेंस में मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को सरकार की आर्गनाइज्‍ड लूट बताया था। जेटली ने कहा सरकार का यह आदेश हुआ था कि बड़े नोट है वो लीगल टेंडर नहीं रहेगे। कुछ वक्‍त के लिए कुछ चीजों केलिए उस करंसी का प्रयोग हो सकता था। इसके बाद रिजर्व बैंक ने नई करंसी अनाउंस की थी। यह एक वाटर शेड मूवमेंट था हमारी अर्थव्‍यवस्‍था के लिए। पूरे साल इस पर चर्चा होती रही। वीजेपी की ओर से हम सब लोग यह मानते है कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था और देश के व्‍यापक भविष्‍य के लिए जो यर्थाथ था उसे बदलना था। किसी भी अर्थव्‍यवस्‍था मे कैश का डोमिनेशन 12.2 फीसदी हो और उसमें भी 86 फीसदी बड़े नोट हो। एक स्‍वाभाविक विचार है कि अगर कैश ज्‍यादा होता तो टेक्‍स इवीजन ज्‍यादा होता है। इससे यह सिद्ध हेाता है कि जो टेक्‍स देता है उसका टेक्‍स  भी देता हो जो टेक्‍स नहीं देता। यानी वो दोहरा कर देता है।  क्‍योंकि टेक्‍स तो देना ही है इसलिए साधन सम्‍पन्‍न आदमी जब साधन को जेब में रख लेता है तो यह अन्‍याय है। क्‍योंकि यह गरीब का हक है।
         राजनीतिक व्‍यवस्‍था में जब ज्‍यादा कैश होता है तो ये एक भ्रष्‍टाचार का केन्‍द्र और कारण बनता है। लेकिन, इस पर रोक लगाना कठिन हेाता है। सरकान ने एक के बाद एक कदम उठाये। एसआईटी ब्‍लेक मनी लॉ, विदेशों से रिटी को संशोधित करना ट्रांसपेंरेसी ज्‍यादा लाना। खर्च  किस तरह से उस पर कंडीशन लगाना, बेनामी कानून लाना। इन डारेक्‍ट व्‍यवस्‍था बदलना। इसके कई स्‍वाभाविक परिणाम हमने साल भर मे  देखे है। कैश का बैंको के अंदर जाना। इसलिए चाहे उसका एक्‍सपेंडेचर म्‍यूच्‍यूअल फंड में हो इन्‍श्‍योरेंस में हो। इस सब क्षेत्रों में अगर हम देखे तो पिछले एक साल मे रिसोर्स बड़े है। बैंको के पास पैसा आया। फार्मल इॅकोनामी में सुधार आया। नोटबंदी हर समस्‍या का हल नहीं है लेकिन, इसने एंजेडा बदला। इससे हमें देश को फार्मल इॅकानामी और लेस कैश की तरफ ले जाने में कामयाब हुई।‍ रिमानेटाईजेशन भी कुछ महीनों में कर दिया गया यह विशव के सामने अद्भुत उदाहरण है।
         कांग्रेस की तरफ से विशेष रूप से विरोध किया गया दस साल तक पॉलिसी पैरालिसिस था कुछ नहीं किया गया। प्रधानमंत्री जी ने एक स्‍ट्रकच्‍लरल रिफार्म करके बदलाव लाने का प्रयास किया है। जेटल जी ने कहा, यूपीए और एनडीए में एक मूलभूत अंतर है। एक जगह पॉलिसी पैरालिसिस दिखता है जो दूसरी तरफ स्‍ट्रक्‍चरल रिफार्म । हैरानी इस बात की है कि हम नैतिक रूप से सही कदम उठा रहे है। और उसको लूट कहना।
         हमने काले धन के खिलाफ कार्यवाही की यह सैदांतिक तौर पर सही है।

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