कुल शबद 502
समय 11
मिनिट
चलचित्र
फिल्म बनाने के लिए किसी कृति में प्रतिलिप्याधिकार का कोई समनुदेशन, किसी
सिनेमा हाल में चलचित्र फिल् के साथ किसी कृति को सार्वजनिक रूप से संसूचित करने
से भिन्न किसी रूप में कृति के उपयोग की दशा में संदेह स्वामित्वों और प्रतिफल
के समान अंश का दावा करने के लिए कृति के रचयिता केअधिकार को प्रभावित नहीं करेगा।
कोई ध्वयांकन के लिए किसी कृति में प्रतिलिप्याधिकार का कोई समनुदेशन जो किसी चल
चित्र फिल्क का भाग रूप नहीं है, किसी रूप में ऐसी कृति के किसी उपयोग के लिए
संदेह स्वामित्वों और प्रतिफल के समान अंश का दावा करने के लिए किसी कृति के
रचयिता के अधिकार को प्रभावित नहीं करेगा। यदि कोई समनुदेशती उसे समनुदेश्तिा
अधिकारों का पर्याप्त प्रयोग करने मे असफल रहता है और ऐसी असफलता समनुदेशक के
किसी कार्य या लोक के कारण नहीं मानी जा सकती है तो पतिलिप्याधिकार बोर्ड,
समनुदेशक से किसी परिवार की प्राप्ति पर और ऐसी जांच करने के पश्चात जो वह आवश्यक
समझे ऐसे समनुदेशन का प्रतिसंहरण कर सकेगा।
यदि किसी प्रतिलिप्याधिकार के समनुदेशन
की बावत् कोई विवाद उत्पन्न हेाता है तो प्रतिलिप्याधिकार बोर्ड, व्यथितपक्षकार
से किसी परिवार की प्राप्ति पर और ऐसी जांच करने के पश्चात जो वह आवश्यक समझे ऐसा
आदेश पारित कर सकेगा जो वह ठीक समझे , जिसके अंतर्गत संदेह किसी स्वामित्व की
वसूली प्रतिलिप्याधिकार बोर्ड इस उपधारा के अधीन समनुदेशन का प्रतिसंहरण करने
वाला कोई आदेश तब तक पारित नहीं करेगा जब तक कि उसका यह समाधान नहीं हो जाता है कि
समनुदेशन के निबंधन जिसमें समनुदेशक रचयिता भी है उसके लिए कठोर है। परंतु यह और
कि इस उपधारा के अधीन समनुदेशन के प्रतिसंहरण के लिए आवेदन के निपटान के लंबित
रहने तक प्रतिलिप्याधिकार बोर्ड समनुदेशन के निबंधनों और शर्तो, जिसके अंतर्गत
समनुदेशित अधिकारों के उपभोग के लिए संदत्त किया जाने वाला कोई प्रतिफल भी है, के
क्रियान्वयन के संबंध में ऐसा आदेश पारित कर सकेगा, जो वह ठीक समझे। परंतु यह भी
कि इस उपधारा के अधीन समनुदशन के प्रतिसंहरण का कोई आदेश ऐसे समनुदेशन की तारीख से
पांच वर्ष की अवधि के भीतर नहीं किया जायेगा।
उपधारा 2 के अधीन प्रापत प्रत्येक
परिवार पर प्रतिलिप्याधिकार बोर्ड द्वारा यथा संभव कार्यवाही की जायेगी और
परिवाद के प्राप्त होने की तारीख से 6 मास की अवधि के भीतर मामले में अंतिम आदेश
पारित करने का प्रयास किया जायेगा और उसके अनुपालन में किसी बिलंब केलिए प्रतिलिप्याधिकार
बोर्ड उसके कारणों केा अभिलिखत करेगा। जहां किसी वसीयत के अध्ीान कोई व्यक्ति किसी साहित्यक, नाट्य या संगीत्मक
कृति की पांडु लिपी का या किसी कलात्मक कृति का हकदार है और वह कृति वसीयकर्ता की
मृत्यु से पहले प्रकाश्तिा नहीं हुई थी वहा उस सवीयत का जब तक कि वसीयतकर्ता के
बिल या उसके किसी कोर्ड पत्र से तत्प्रतिकूल आशय प्रतीत ना हो अर्थ लगाये जायेगा
कि उस कृति में प्रतिलिप्याधिकार वहां तक उसके अंतर्गत है जहां तक कि वसीयतकर्ता
अपनी मृत्यु से ठीक पहले उस प्रतिलिप्याधिकार का स्वामी था। इस धारा में पांडु
लिपी को सन्वष्टि करने वाली मूल दस्तावेज अभिप्रेत है चाहे वह हाथ से लिखी हो।
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