Wednesday, 14 March 2018

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आज के प्रगतिशील युग में समाज में भिन्‍न भिन्‍न विचारों के लोग है जो अपने उद्देश्‍यों और विचारों के अनुकूल ही अपना जीवन ही व्‍यतीत करना चाहते है और ऐसी सूरत मे एक परिवार में सब लोगों का अथवा बहुत अधिक लोगों का साथ रहना असंभव है। आज लड़किया घरों में रहती ही कहा है। आज रेल का जमाना है हवाई जहाज का जमाना है और रोजगार की कमी है। इन कठिन समस्‍याओं कें कारण देखते है लड़के लड़किया धन कमाने जहां उनको रोजगार या नौकरी मिलती है चले जाते है। और साथ मे अपने स्‍त्री अथवा पति को लेकर दूर दूर चले जाते है तो समझती हूं कि जो पुराने परिवार और कुटुम्‍ब के वे हमेशा से लड़ाई और झगड़े की जड़ थे यह सही बात है जहां पांच बरतन होते है वहां खटकते जरूर है। और आज के युग में जो तो माता पिता यह सोचते है कि वे सब कुटूम्‍ब में रहे ना बहु बेटा ही चाहते है किे वे सबके साथ कुटुम्‍ब में रहे। इस तरह की भावना आज हर एक पढे लिखे शहर के लड़के लड़कियों की हो रही है। अगर परिवार रह भी जाये तो आज जायजादे किस के पास रह जायेगी जिनके की बट जाने का भय हो रहा है। आज देश में पूंजीबाद सीमित हो रहा है। फिर अब किसी एक व्‍यक्ति के पास इतना धन व जायजाद नहीं रहेगी जिसके संबंध में यह सारी समस्‍याए रोज उपस्थित होगी और खडे होगी।


         अगर कोई बहुत धन कमायेगा भ तो दूसरे उपायो से उससे उसको ले लिया जायेगा। जमीदारी का उन्‍मूलन तो हो ही गया है कोई भी प्रापटी सरकार यदि चाहेगी तो अपनी इच्‍छा अनुसार ले लेगी। यह बिल अभी हम इस सदन में पास कर चुके है तो फिर आपको अपनी बहन या लड़की को ही कुछ थोड़ा सा दे देने में क्‍या आपत्ति है फिर यदि कोई चाहे कि  यह ना हो वह अपना कुल कमाया हुआ धन अपने पुत्र को ही देना चाहे और अपनी लड़की को ना देना चाहे तो इसके लिए भी इस बिल में प्राविजन है। वह चाहे तो बिल कर  सकता है और धन अपनी लड़की को ना देकर अपने लड़के को ही दे सकता है तब फिर इसमें क्‍या डर की बात है यह कहना गलत है कि स्‍त्री धन की रक्षा नहीं कर सकती।


आज के प्रगतिशील युग में समाज में भिन्‍न भिन्‍न विचारों के लोग है जो अपने उद्देश्‍यों और विचारों के अनुकूल ही अपना जीवन ही व्‍यतीत करना चाहते है और ऐसी सूरत मे एक परिवार में सब लोगों का अथवा बहुत अधिक लोगों का साथ रहना असंभव है। आज लड़किया घरों में रहती ही कहा है। आज रेल का जमाना है हवाई जहाज का जमाना है और रोजगार की कमी है। इन कठिन समस्‍याओं कें कारण देखते है लड़के लड़किया धन कमाने जहां उनको रोजगार या नौकरी मिलती है चले जाते है। और साथ मे अपने स्‍त्री अथवा पति को लेकर दूर दूर चले जाते है तो समझती हूं कि जो पुराने परिवार और कुटुम्‍ब के वे हमेशा से लड़ाई और झगड़े की जड़ थे यह सही बात है जहां पांच बरतन होते है वहां खटकते जरूर है। और आज के युग में जो तो माता पिता यह सोचते है कि वे सब कुटूम्‍ब में रहे ना बहु बेटा ही चाहते है किे वे सबके साथ कुटुम्‍ब में रहे। इस तरह की भावना आज हर एक पढे लिखे शहर के लड़के लड़कियों

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