Sunday, 4 March 2018

रंजिश या बुराई होने की अभियोग


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रंजिश या बुराई होने की अभियोग पर कोई साक्ष्‍य नहीं है। अत: यह माना जा सकता है कि वर्ल्‍ड वार के अधिकारियों द्वारा अभियुक्‍त के विरूद्ध तटस्‍थ प्रकरण बनाया जायेगा। अत: उक्‍त प्राथियों के कथन पर अविश्‍वास करने का कोई कारण प्रतीत नहीं होता और उनके कथन नैसर्गिक पाये जाते है अत: उपरोक्‍त समस्‍त साक्षियों के कथनों के विष्‍लेषण उपरांत स्‍पष्‍ट है कि अभियुक्‍त मनोज पाल को नष्‍ट कर लोक संपत्ति को हानि पहुंचाई थी। बिहार के मुख्‍य मंत्री नीतेश कुमार को गया की एक चुनावी रेली में एक हत्‍या आरोपी के साथ मंच साझा करके शर्मिदंगी उठानी पड़ी।  मंच पर हत्‍या के एक मामले में आरोपी और गया नगर पालिका का पूर्व पार्षद जावेद खान मुख्‍य मंत्री के साथ रह रहा था। खान के खिलाफ गया की एक अदालत की ओर से जारी गिरफतारी वारंट की तामीली होनी थी।  यह वारंट पिछले साल दिसम्‍बर में ही जारी हुआ था। खान नीतेश चुनावी रेली की अध्‍यक्षता कर रहा था। यदि हम सब दोषी है तो अच्‍छा लगता है। यदि सभी हार रहे हो ही अच्‍छा लगता है। यदि सब कुछ और सफल हो रहे हो तो उसका द्वार बढ़ा करना है पर हमारे मन में दूसरे का विचार आता ही क्‍यों है? मैं तुम्‍हें फिर याद दिला दूं तुमने अपने रस को प्रभावित होने का  न्‍यौता नहीं दिया है। तुमने अपने आंगन को मरने का मौका नहीं दिया है तुमने उसके होने को ही नहीं हेाने दिया। यह अपील इस आधार पर प्रस्तुत की गई है कि विद्यवान अधीनस्‍थ न्‍यायालय द्वारा पारित आलोच्‍य आदेश विधी एवं तथ्‍यों के विपरीत है। विद्यवान अधीनस्‍थ न्‍यायालय द्वारा प्रकरण में प्रस्‍तुत अभियोजन साक्ष्‍य का सूक्ष्‍म विष्‍लेषण नहीं किया है स्‍वतंत्र साक्षियों द्वारा घटना का समर्थन नहीं किया गया है। अभियोजन द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍य विरोधाभाषी है अत: अपील स्‍वीकार कर आलोच्‍य निर्णय अपास्‍थ किया जाकर अपीलार्थी को दोषमुकत किए जाने की प्रार्थना की गई। अत: प्रकरण में जाने प्रश्‍न यह उद्भूत होता है। अकेले होकर  स्‍वयं का सामना करना भयावह और दुखदायी है और प्रत्‍येक को इसका कष्‍ट भोगना पढ़ता है। इसके प्रश्‍न के लिए कुछ भी नहीं करना चाहिए। मन को वहां से हटाने के लिए कुछ भी नहीं करना चाहिए और इसके बचने के लिए भी कुछ भी नहीं करना चाहिए। हर एक को इस पीढ़ा को भोगना होगा और इससे गुजरना होगा। यह कष्‍ट और यह पीढ़ा एक अच्‍छा संकेत है कि तुम नये जन्‍म के सरीक हो।
वन क्षेत्रपाल से अभियुक्‍त की कोई पूर्व से रंजिश या बुराई होने की अभियोग पर कोई साक्ष्‍य नहीं है अत: यह माना जा सकता है

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