Monday, 12 March 2018

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 यदि पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को, इत्तिला प्राप्‍त होने पर या अन्‍यथा, यह संदेह करने का कारण है कि ऐसा अपराध किया गया है जिसका अन्‍वेषण करने के लिए धारा 156 के अधीन वह सशक्‍त है तो वह उस अपराध की रिपोर्ट उस मजिस्‍ट्रेट को तत्‍काल भेजेगा जो ऐसे अपराध का पुलिस रिपोर्ट पर संज्ञान करने के लिए सशक्‍त है और मामले के तथ्‍यों और परिस्थितियों का अन्‍वेषण करने के लिए, और यदि आवश्‍यक हो तो अपराधी का पता करने के लिए उसकी गिरफ्तारी के उपाय करने के‍ लिए उस स्‍थान पर या तो स्‍वयं जायेगा या अपने अधीनस्‍थ अधिकारियो में से एक को भेजेगा जो ऐसी पंक्ति से निम्‍नतर पंक्ति ना होगा जिसे राज्‍य सरकार साधारण या विशेष आदेश द्वारा इस निमित्‍व विहित करे।


         जब ऐसे अपराध के लिए किए जाने की कोई इत्तिला किसी व्‍यक्ति के विरूद्ध उसका नाम देकर की गई है और मामला गंभीर प्रकार का नहीं है तब यह आवश्‍यक ना होगा कि पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी उस स्‍थान पर अन्‍वेषण करने के लिए स्‍वयं जाये या अधीनस्‍थ अधिकारी को भेजे।


         यदि पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को यह प्रतीत होता है कि अन्‍वेषण करने के लिए पर्याप्‍त आधार नहीं है तो वह उस मामले का अन्‍वेषण ना करेगा।


         उपधारा 1 के परन्‍तुक के खण्‍ड क और खण्‍ड ख में वर्णित दशाओं में से प्रत्‍येक दशा में पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी अपनी रिपोर्ट में उस उपधारा की अपेक्षाओं का पूर्णत: अुनपालन ना करने के अपने कारणों का कथन करेगा। और उक्‍त परन्‍तुक के खण्‍ड में वर्णित दशा में ऐसा अधिकारी इत्तिला देने वाले को यदि कोई हो तो ऐसी रीति से जो राज्‍य सरकार द्वारा विहित की जाये तत्‍काल इस बात की सूचना दे देगा कि वह उस मामले में अन्‍वेषण ना तो करेगा और ना करायेगा।


         रिपोर्ट कैसे दी जायेगी – धारा 157 के अधीन मजिस्‍ट्रेट को भेजी जाने वाली प्रत्‍येक रिपोर्टख, यदि राज्‍य सरकार यदि ऐसा निर्देश देती है, तो पुलिस के ऐसे वरिष्‍ठ अधिकारी के माध्‍यम से दी जायेगी, जिसे राज्‍य सरकार साधारण या विशेष आदेश द्वारा इस निमित्‍त नियत करे।
         ऐसा वरिष्‍ठ अधिकारी पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को ऐसे अनुदेश दे सकता है जो वह ठीक समझे और उस रिपोर्ट पर उन अनुदेशों को अभिलिखित करने के पश्‍चात उसे अभिलंब मजिस्‍ट्रेट के पास भेज देगा।


         अन्‍वेषण या प्रारंभिक जांच करने की शक्ति – ऐसा मजिस्‍ट्रेट ऐसी रिपोर्ट प्राप्‍त होने पर अन्‍वेषण के लिए आदेश दे सकता है, या यदि वह ठीक समझे तो वह इस संहिता में उपबंधित रीति से मामले की प्रांरभिक जांच करने के लिए या उसको अन्‍यथा निपटाने के लिए तुरंत कार्यवाही कर सकता है, या अपने अधीनस्‍थ किसी मजिस्‍ट्रेट को कार्यवाही करने के लिए प्रतिनियुक्‍त कर सकता है।


कोई पुलिस अधिकारी, जो इस अध्‍याय के अधीन अन्‍वेषण कर रहा है अपने थाने की या किसी पास के थाने की सीमाओं के अंदर

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