Monday, 12 March 2018

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न्‍यायालय को यह पता चलता है कि आवेदन अभियुक्‍त द्वारा स्‍वेच्‍छा से फाइल नहीं किया गया है या उसे किसी न्‍यायालय द्वारा किसी मामले में जिसमें उस पर अपराध पर आरोप था, सिद्धदोष ठहराया गया है तो वह इस संहिता के उपबंधों के अनुसार उस प्रकम से जहां उपधारा 1 के अधीन ऐसा आवेदन फाइल किया गया है, आगे कार्यवाही करेगा। धारा 256 ख की उपधारा 4 कें खण्‍ड क के अधीन पार‍स्‍परिक संतोषप्रद निपटारे के लिए न्‍यायालय निम्‍नलिखित प्रक्रिया अपनायेगा अर्थात पुलिस रिपोर्ट पर संस्‍थित किसी मामले में न्‍यायालय लोक अभियोजक, पुलिस अधिकारी, जिसने मामले का अन्‍वेषण किया है, अभियुक्‍त और मामले में पीडि़त व्‍यक्ति को उस मामले का संतोषप्रद निपटारा करने के लिए बैठक में भाग लेने के लिए सूचना जारी करेगा। 


परंतु मामले के संतोषप्रद निपटारे की ऐसी संपूर्ण प्रक्रिया के दौरान न्‍यायालय का यह कर्तव्‍य होगा कि वह सुनिश्चित करे कि सारी प्रक्रिया बैठक में भाग लेने वाले पक्षकारों द्वारा स्‍वेच्‍छा से पूर्ण की गई है। परंतु यह और कि अभियुक्‍त, ऐसी वांछा करे तो मामले में लगाए गए अपने अभिवक्‍ता यदि कोई हो, के साथ इस बैठक में भाग ले सकेगा। पुलिस रिपोर्ट से अन्‍यथा संस्‍थित मामले में न्‍यायालय अभियुक्‍त और उस मामले में पीडि़त व्‍यक्ति को मामले के संतोषप्रद निपटारे के लिए की जाने वाली बैठक में भाग लेने के लिए सूचना जारी करेगा। परंतु न्‍यायालय का यह कर्तव्‍य होगा कि वह मामले का संतोषप्रद निपटारा करने की संपूर्ण प्रक्रिया के दौरान यह सुनिश्चित करे कि उसे बैठक में भाग लेने वाले पक्षकारों द्वारा स्‍वेच्‍छा से पूरा किया गया है परंतु यह और कि यदि यथा स्थिति मामले में पीडि़त व्‍यक्ति या अभियुक्‍त, ऐसी वांछा करे तो वह उस मामले में लगाये गये अपने अभिव्‍यक्‍ता के साथ उस बैठक में भाग ले सकेगा। जहां धारा 265 क के अधीन बैठक में मामले का कोई संतोषप्रद निपटारा तैयार किया गया है वहां न्‍यायालय ऐसे निपटारे की रिपोर्ट तैयार करेगा जिस पर न्‍यायालय के पीठासीन अधिकारी उन अन्‍य सभी व्‍यक्तियों कें हस्‍ताक्षर होगे जिन्‍होने बैठक में भाग लिया था। 


जहां धारा 265 क के अधीन बैठक में मामले का कोई संतोषप्रद निपटारा तैयार किया गया है, वहां न्‍यायालय ऐसे निपटारे की रिपोर्ट तैयार करेगा जिसपर न्‍यायालय के पीठासीन अधिकारी और अन्‍य सभी व्‍यक्तियों कें हस्‍ताक्षर होगें जिन्‍होंने बैठक में भाग लिया था और यदि ऐसा कोई निपटारा तैयार नहीं किया जा सका है तो न्‍यायालय ऐसा संपेक्षण लेखबद्ध करेगा और इस संहिता के उपबंधों के अनुसार उस प्रकम से आगे की कार्यवाही करेगा, जहां से  उस मामले में धारा 265 ख की उपधारा 1 के अधीन आवेदन फाइल किया गया है। जहां धारा 265 घ के अधीन मामले का कोई संतोषप्रद निपटारा तैयार किया गया है वहां न्‍यायालय मामले का निपटारा निम्‍नलिखित रीति से करेगा अर्थात न्‍यायालय पीडि़त व्‍यक्ति को धारा 265 घ के अधीन निपटारे के अनुसार प्रतिकर देगा और दण्‍ड की मात्रा अभियुक्‍त को सदाचार की परीवीक्षा पर या धारा 360 के अधीन भ्रर्त्‍सना के प्रश्‍चात छोड़ने अथवा अपराधी परीवीक्षा अधिनियम 1958 या तत्‍समय प्रवत्‍त किसी अन्‍य विधि के उपबंधों के अधीन अभियुक्‍त के संबंध में कार्यवाही करने के विषय में पक्षकारों की सुनवाही करेगा और अभियुक्‍त पर दण्‍ड अधिरोपित करने के लिए पश्‍चावर्ती खण्‍डों में विनिर्दिष्‍ट

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