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समय 10 मिनिट
श्री मान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर माननीय उच्च न्यायालय
जबलपुर मध्यप्रदेश के द्वारा याचिका क्रमांक 17-2011 में दिनांक 11/04/2017 को
पारित आदेश श्रीमान प्रमुख सचिव पंचायत एंव ग्रामीण विकास मध्यपद्रेश शासन बल्लभ
भवन भोपाल के आदेश क्रमांक 577 दिनांक 26/06/2017 महोदय जी प्रार्थी बिंदुवार निम्न
प्रार्थना कर रहा है।
प्रार्थी ने संविदा
शाला शिक्षक वर्ग दो गणित के पद हेतु कार्यलय मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद
पंचायत शाहगढ़ (अमरमऊ जिला सागर में) में विज्ञापन के अनुसार वर्ष 2003 में आवेदन
प्रस्तुत किया था। अनुसूचित जाति के छह पद निकाले गये थे। कार्यलय लिस्ट के
अनुसार अनुसूचित जाति वर्ग में सीरियल क्रमांक 59 पर मेंरा नाम छठवे स्थान पर था।
मेरे से उपर लिस्ट अनुसार पांच आवेदको के आदेश कर दिए गए। परंतु मेरे लिए
नियुक्ति आदेश नहीं दिया गया।
इस प्रकार मेरे साथ उपेक्षा एवं शोषण करते हुए मानव
अधिकारों का हनन करते हुए लापरवाही करते हुए जानबूझकर अन्याय किया गया जिससे मेरा
पूरा जीवन सत्यानाश होकर अंधकारमय हो गया। तब से आज दिनांक तक इसकी सजा भु्गत रहा
है तथा न्याय पाने के लिए न्यायालय एवं शासन के चक्कर लगाकर विगत 24 वर्षो से इधर से उधर भटक रहा है।
प्रार्थी का जनपद कार्यलय शाहगढ द्वारा जानबूझकर कर प्रतिक्षा सूची में डालकर
दिनाक 5/02/2004 को बुलाया गया मै उसी दिन उपस्थित हुआ परंतु शासन द्वारा स्टे
लग जाने के कारण उसे आदेश नहीं दिया गया।
प्रार्थी ने श्रीमान अतिरिक्त कमिश्नर सागर संभाग के कार्यलय में प्रकरण प्रस्तुत
किया। जिसमें श्रीमान जी ने टिप्पणी की है जिसमें अनुसूचित जाति के छह पद में
सर्वाधिक 92.98 एवं न्यूनतम 51.11 प्रतिशत अंक आये है जो कि बिलकुल गलत है। लिस्ट
के अनुसार सर्वाधिक अंक 43.4 एवं न्यूनतम 30.6 प्रतिशत अंक है। अवलोकनार्थ लिस्ट
संलग्न है। श्री मान अतिरिक्त कमिश्नर सागर की टिप्पणी के निरूद्ध माननीय उच्च
न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 4619 से 2007 प्रस्तुत की गई ।
जिसमें
माननीय पंचायत मंत्री को चार माह में निराकरण हेतु आदेश किए गए परंतु आज दिनांक तक
आदेश अप्राप्त है। समय बीत जाने के बाद पुन: माननीय न्यायालय जबलपुर में याचिका
क्रमांक 15270 से 2010 दायर की गई।
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