Monday, 23 April 2018

hindi dictation


प्रकरण में यह भी विर्वविवादित है कि सड़कनिर्माण हेतु 4 लाख रूपए स्‍वीकृत हुएथे जिसकी स्‍वीकृत सरपंच के ही अधीन थी कार्य के प्रारंभ में उपयंत्री ही ले आऊट बनाता है और मार्गदर्शन देता है इसके पश्‍चात कार्य पूणत: प्रमाणपत्र पर कार्य हो जाने के उपरांत सचिव एमआईएस के आधार पर केशबुक में जानकारी भरता है हस्‍ताक्षर करता है, पश्‍चात सरपंच कार्यपूर्णता: प्रमाणपत्र पर हस्‍ताक्षर करता है और  उसे उपयंत्री के पास भेजा जाता है उपयंत्री भौतिक सत्‍यापन करते हुए प्राकलन करके कार्य पूर्णत: प्रमाणपत्र पर हस्‍ताक्षर करता है। इसके पश्‍चात कार्यपूर्णत: प्रमाणपत्र एसडीओ के पास हस्‍ताक्षर के लिए भेजा जाता है। कार्य पूर्णत: प्रमाणपत्र प्रदर्श डी-8 पर तत्‍कालीन सरंपच कस्‍तूरी तथा सचिव ने हस्‍ताक्षर कर दिए थे। आवेदक का आवेदन संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक को प्रकरण में पुलिस द्वारा झूठा फंसाया जा रहा है, वह इंदौर का मूल निवासी होकर इंदौर में ही मोबाईल रिचार्ज की दुकान लगाकर अपना व्‍यवसाय कर रहा है जहां अभियोत्री का आना-जाना जारी था, इसी आधार पर आरोपी को झूठा फंसाया गया है। आवेदक का घटना से प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष रूप से कुछ भी संबंध नहीं है ना ही उसने कोई सड़यंत्र कर घटना की है, अभियोत्री बालिक होकर अपना भला-बुरा समझती है। आवेदक प्रतिभूमि प्रस्‍तुत करने को तत्‍पर है। प्रकरण में अभियोत्री की बरामदगी सह-आरोपी असलम से की जा चुकी है। आवेदक से कोई बरामदगी नहीं होना है। आवेदक द्वारा साक्ष्‍य विगाड़ने की कोई संभावना नहीं है, अग्रिम प्रतिभूति देने पर अनुसंधान में पूर्ण सहयोग करेगा।
            अभियोजन साक्षी 5 जो कि मेडिकल विशेषज्ञ है कि साक्ष्‍य से स्‍पष्‍ट हो रहा है कि घटना दिनांक को मामले की फरियादिया को चोटे आई थी। इस प्रकार मामले की फरियादिया की साक्ष्‍य की सपुष्टि मेडिकल साक्ष्‍य से हो रही है। प्रकरण में आरोपी की ओर से जो बचाव साक्ष्‍य प्रस्‍तुत की गई है, उसके अवलोकन से प्रकट हो रहा है आरोपी ने बचाव लिया है कि वैंसे लेन देन के विवाद के कारण रिपोर्ट की गई है।  यहां पर यह भी उल्‍लेखनीय है कि दोनों बचाव साक्षी आरोपी के सगे-संबंधी है और निश्चित रूप से हितबद्ध साक्षी है। यहां पर यह भी उल्‍लेखनीय है कि कोई भी महिला मात्र पैसे के लेन-देन पर विवाद के कारण दहेत संबंधी रिपोर्ट पर अपना पारिवारिक नष्‍ट नहीं करेगी। इस प्रकार आरोपी की ओर से ली गई बचाव पर विश्‍वास करने का पर्याप्‍त आधार प्रकरण में विद्यमान नहीं है।
            प्रकरण में आई हुई साक्ष्‍य से यह स्‍ष्‍ट हो रहा है कि आरोपी का दिमाग का इलाज चल रहा है। उक्‍त तथ्‍य से बारे में ना केवल फरियादिया बल्कि अन्‍य सभी साक्षीगण ने अपनी साक्ष्‍य में कथन किया है।

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