पार्ट- 275
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एक जमाना ऐसा भी था, जब दंगा फसाद, युद्ध, महामारी, दुर्घटनाएं व
प्राकृतिक अपदाओं के शिकार हुए मानव को कई बार परिस्थितियों से गुजरना पड़ता था।
कई निर्धन लोगों की तो अर्थ अभाव एवं पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने के
कारण मौत भी हो जाया करती थी।
सन 1859 में फ्रांस
और आस्ट्रिया में भीषण युद्ध छिडा हुआ था जगह जगह मृत व घायल लोग नजर आ रहे थे,
लेकिन इनकी सही तरीके से चिकित्सा कराने में कोई मनुष्य, शासक या धर्म प्रचारक
दिलचस्पी नहीं ले रहा था। घायल मानव की ऐसी दुर्दशा देखकर फ्रांस के संत शोल
फेरिना को मन ही मन बड़ा दुख हआ। उन्होंने आगे बढ़कर घायलों को गले लगाया और तन मन
धन से उनकी सेवा करने लगे। धीर-धीरे उन्होंने अपने साथियों की मदद से कई घायलों को सही चिकित्सा के माध्यम से
नवजीवन प्रदान किया। इस कारण वे मानव के सच्चे मसीहा बनकर जनजन में प्रिय हो गये।
उस समय के अखबारों ने उनकी प्रशंसा में कई शानदार पंक्तियां लिखी थी उनकी सेवा
भावना से प्रभावित होकर कई लोगों में भी
जनसेवा करने की भावना जाग उठी।
मानव सेवा के उद्देश्य
से ही 8 जुलाई 1863 को जेनेवा में एक संस्था का गठन हुआ जिसका नाम ‘रेड क्रास’
रखा गया। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य यही था कि मानव की सेवा करना। लेकिन 1865
में कुछ विवादो के कारण इस संस्था का नाम बदलकर इंटरनेशनल कमेटी फार रिलीफ टू दी
बूडेट रखा गया। अब इस संस्था मे कई बुद्धिमान लोग भी जन सेवा के लिए आगे आने लगे
तथा हर तरह की सहायता प्रदान करने लगे।
13 जुलाई 1969 को जब
एक दर्जन से भी अधिक मुल्कों ने इस संस्था के एक बार्षिक समारोह में भाग लिया तो
इसका नाम फिर से रेडक्रास रखा गया। रेडक्रास दो संस्थाओं के रूप में अपना कार्य
करती है। एक जेनेवा स्थित अंतराष्ट्रीय रेडक्रास समिति तथा दूसरी अंतराष्ट्रीय
रेडक्रास व रेड क्रीसेंट समिति फेडरेशन। यह बात बड़ी गौरवशाली है कि वर्तमान में
177 से भी अधिक मुल्कों में इस संस्था की समितियां कार्यरत है।
इस संस्था के इतिहास
की बुलियाद पर जब हम नजर डालते है तो विदित हेाता है इसके प्रथम अध्यक्ष ‘सर हेनरी
इने’ थे। उन्होंने अपनी विशाल जायजाद बेचकर इस संस्था को दान में दी थी। उन्हीं
के मधुर व्यवहार के कारण संसार भर में इसकी शाखाएं फैलती चली गई। एक ताजा जानकारी
के अनुसार दुनिया भर में तकरीबन 915 करेाड़ रेड क्रास कार्यकर्ता मानव सेवा में जुटे
है। कुछ खास नियमों के अनुसार इस संस्था का प्रमुख पारम्परिक रूप से स्विस
नागरिक ही बनता है।
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