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Hindi Dictation for High Court, SSC, CRPF, Railways, LDC Exam Post-261 Legal Matter
कुल शब्द 459
अपीलकर्ता ने एक
आपराधिक मामले के अंतरण का आवेदन किया था,
जो जिला जज के न्यायालय में लंबित था। अपीलकर्ता को उस न्यायाधीश से ऋजुहीन
विचारण की आशंका हो गई थी। यह निर्धारित किया गया कि यह आशंका निराधार नहीं थी, क्योंकि
उसी न्यायाधीश ने एक दीवानी मुकदमें जिसमें अपीलकर्ता एक पक्षकार रूप में
अंतर्गस्त था वकील की फीस की रूप में एक लंबी धनराशि खर्च के रूप में स्वीकृत की
गई थी। अत: अंतरण आवेदन स्वीकृत कर दिया गया। परंतु जहां उसका अंतरग्रस्त विचारण
न्यायाधीश करते समय सेवा निवृत्त हो गया हो और उसके स्थान पर पुर्नविचारण अन्य
न्यायाधीश ने कर्तव्य भार संभाल लिया हो (वहां मामले को किसी अन्य मामले के
समक्ष) अंतरित करने का प्रश्न नहीं उठता। इस तरह के मामले में यह निर्देश दिया
जा सकता है कि विचारण न्यायालय मामले का निपटारा शीघ्रकर दिन-प्रतिदिन विचारण
करे।
सरकार के एक पूर्व मंत्री को भ्रष्टाचार
निवारण अधिनियम, 1947 की धारा 5 घ के अधीन अभियोजित और दण्डित किया गया था। उच्च
न्यायालय ने अपील की लंबितावस्था में अपनी अपील को अंतरित करने का निवेदन किया
गया। उसका यह कहना था कि उसको ऋजु विचारण और न्याय की आंशका है। क्योंकि राज्य
सरकार और प्रेस द्वारा उसेक विरूद्ध दुष्प्रचार किया जा रहा है। और संभवत: उससे
जाने अंजाने में न्यायाधीश प्रभावित हो सकते है। इस तरह आपत्ति को उसने अपील फाइल
करने के चार वर्ष बाद उठाया थ। इस विलबं के कारण उसकी दलील को खारिज कर दिया गया
और यह कहा गया कि कार्यपालिका से न्यायपालिका की पूर्ण प्रथकता के कारण न्यायाधीश
किसी भी प्रकार से दुष्प्रचार से प्रभावित नहीं होते।
पक्षकारों की कठिनाईयों को हल्का करने के
उद्देश्य से मुख्य न्यायायिक मजिसट्रेट
मुजफ्फरनगर में स्थानांतरित कर दिया गया जहां दूसरा प्रकरण भी लंबित था। न्यायालय
की कार्यवाहियों में हाजिर होने के लिए परिवादी की कठिनाई को दृष्टिगत रखते हुए उपस्थित
रहने की अनुमति भी प्रदान कर दी गई एक
मामले को तमिलनाडु की सेशन न्यायालय से ड्रिस्ट्रिक एंड सेशज जज पांडिचेरी को
अंतरित करने का आदेश दिया गया क्योंकि अभियोजन अधिकरण के कारण से अपीलकर्ता अभियुक्त
के मष्तिष्क मे इस बात की एक युक्तियुक्त आशंका उत्पन्न हो गई थी कि यदि उसका
विचारण उसी राज्य में किया जाता है तो वह न्यायरहित हो जायेगा उसे न्याय नहीं
मिल सकेगा। मामलों और अपीलों को अंतरित करने की जो शक्ति उच्चतम न्यायालय को
अभिप्राप्त है, उसका प्रयोजन अभियुक्त को ऋजु विचारण सुनिश्चित करता है।
पक्षकारों की
कठिनाईयों को हल्का करने के उद्देश्य से
मुख्य न्यायायिक मजिसट्रेट मुजफ्फरनगर में स्थानांतरित कर दिया गया जहां दूसरा
प्रकरण भी लंबित था। न्यायालय की कार्यवाहियों में हाजिर होने के लिए परिवादी की
कठिनाई को दृष्टिगत रखते हुए उपस्थित रहने की अनुमति भी प्रदान कर दी गई
उसका प्रयोजन
अभियुक्त को ऋजु विचारण के लिए सुनिश्चित करता है।
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