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Hindi Dictation for High Court, SSC, CRPF, Railways, LDC Exam Post-262 Legal Matter
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भाजपा में 2014
के चुनाव अभियान के दौरान यही सब थोड़े फेर बदल के साथ हो रहा है। कांग्रेस के
विपरीत भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी रहीं है जिसे आर एस एस से ताकत मिलती है।
मोदी के उदय में कार्यकर्ताओं को कुछ इस तरीके से उत्साहित किया कि भाजपा नेता व
पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी नहीं कर पाये। हालंकि जहां पार्टी
कार्यकर्ता तो उत्साह में आ गये है, शेष भाजपा नेतृत्व हासिए पर ढकेला जा रहा
है। षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सलमान खान ने हत्या के आरोपी को उम्र
कैद की सजा सुनाई। अतिरिक्त लोक अभियोजक रविकांत शराफ ने बताया कि प्राथी किरन
बाई बाघराज वार्ड तिली वार्ड स्थित टोरिया में रहती है उनके दो लड़के ऋषि व ऋषभ व
एक लड़की है। 18 जुलाई 2013 को उसका पति
बलराम रैंकवार किसानी के लिए ग्राम करैया गया था। उसी दिन रात को वह अपनी लड़की को
डॉक्टर के यहां से दिखा कर लौट रही थी। उसके साथ दोनों लड़के थे।
लगातार सुख सुविधाएं प्राप्त होने वाले
इस युग में जिन जिन चीजों की बढोत्तरी हुई उसमें एक है भेद भाव। सुख के साथ शांति
नहीं मिलने का एक कारण होता है कि मनुष्य, मनुष्य से अत्याधिक भेद करने लगता
है। प्रतिस्पर्धा हो इसमें कोई दिक्कत नहीं। महत्वाकांक्षा और प्रतिस्पर्धा
कभी कभी मनुष्य के पुरूषार्थ में और मदद करती है। आलस्य पर प्रभाव भी इन दोनों
के कारण हो जाता है लेकिन जब लंबे समय महत्वाकांक्षा और प्रतिस्पर्धा की बृद्धि
मनुष्य के भीतर रहती है।
आरोपी होती लाल ऋषभ को टीवी देखने का कहकर
अपने साथ ले गया। जब रात में वह बापस घर नहीं आया तो सुबह मां किरन बाई उसे देखने
आरोपी के घर गई। आरोपी से पूछने पर संतोषप्रद जबाव नहीं मिला। किरन बाई ने होकर
अपने घर बापस आ गई। उसी दौरान मुहल्ले में चर्चा चल रही थी कि शमशान घाट में एक
बोरे में लाश पड़ी है इसके बाद किरन बाई शमशान घाट पहुंची और बोरा देखा, तो लाश
उसके लड़के ऋषभ की ही थी।
योग्यता और अयोग्यता में भेद शिक्षा और
अशिक्षा में भेद, अमीर और गरीब में भेद, ईमानदार और बेईमान में भेद और तो और रिश्तों
में भी भेद, शुरूा हो जाते है। पति पत्नि का भेद, भाई-भाई का भेद, अशांति का बहुत
बड़ा भेद हो जाता है। भेद आखिर में ईर्ष्या लेकर आता है। परमात्मा से संसार
बनाया तो प्रतिस्पर्धा के लिए छूट दी है, लेकिन भेद भी पंसद नहीं है और ना ही
हमारा ऐसा व्यवहार उसे पसंद आता है। भाजपा में 2014 के चुनाव अभियान के दौरान यही
सब थोड़े फेरबदल के साथ हो रहा है। कांग्रेस के विपरीत भाजपा कार्यकर्ता आधारित
पार्टी रही है, जिसे आर एस एस से ताकत मिलती है। मोदी के उदय ने कार्यकर्ताओं को
कुछ इस तरीके से उत्साहित किया कि शायद भाजपा नेता व पूर्व प्रधान मंत्री अटल
बिहारी बाजपेयी भी नहीं कर पाये। हालांकि, जहां पार्टी कार्यकर्ता तो उत्साह में
आ गये है, शेष भाजपा नेतृत्व हासिए पर धकेला जा रहा है।
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