45 WPM Hindi Dictation for High Court,
SSC, CRPF, Railways, LDC Exam Post-280 Mater Link
कुल शब्द
447
समय 10
मिनिट
प्रतिवादी
ने अपने वादोत्तर में वादी को वादग्रस्त दुकान आवंटित की जाना एवं न्यायालयीन
डिकी की पालन में अगस्त 2008 में दुकान क्रमांक 98 को गिरा दिए जाने के कारण वादी
की किराएदारी समाप्त होना स्वीकार किया है। प्रतिवादी का यह अभिवचन है कि वादी
द्वारा किराए पर प्राप्त दुकान क्रमांक 98 को हटाया जाकर आवागमन का रास्ता
प्राप्त करने के लिए एक दीवानी वाद 223 द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 कटनी
के समक्ष प्रकाश विरूद्ध आयुक्त नगर
निगम, सागर प्रस्तुत हुआ था।
इन दिनों लोगों का समय भारी व्यस्यता
में बीत रहा है। कुछ लोग कमाने में जुटे है तो कुछ कमाया हुआ ठिकाने लगाने में अब
जिनके पास खूब धन आ गया यदि वो अशांत होगे और जिनका गया तो भी शांत नहीं होगे तो बेकार रही सारी मारा मारी। जरा इस
बात पर ध्यान दीजिए बचाया क्या हमने? हमारी बचत सुख के साथ शांति होना चाहिए। जब
हमारे भीतर मानसिक उत्तेजना आती है तो व्यक्तित्व में अधीरता आ जाती है।
आवेदक ने दुर्घटना के कारण उसके दाहने
पैर की हड्डी दो जगह से टूटना बताया है आवेदक को दुर्घटना के कारण अस्थि भंग आने
की पुष्टि आवेदक द्वारा प्रस्तुत दसतावेजों से होती है। अत: यह तो प्रमाणित है कि
आवेदक को दुघटना के कारण गंभीर उपहति कारित हुई थी। परंतु उक्त चोटो के कारण
आवेदक को स्थाई अपंगता कारित होने के संबंध में आवेदक ने कोई साक्ष्य प्रस्तुत
नहीं की है और ना ही किसी चिकित्सक साक्षी का कथन कराया है।
मन को स्थिर करने का सबसे सरल उपाय है कि
चुपचाप बैठ जाये और मन जहां जाये, उसे जाने दे? बस उसे देखते रहे। दृणता पूर्वक इस
भाव का चिंतन करे कि मैं मन को विचरण करते हुए देखने वाला साक्षी हूं। फिर ऐेसी
कल्पना करे कि मानों मन मुझसे बिलकुल अलग है और मैं ईश्वर से जुड़ा हूं। सोचिए
कि मन एक विस्तृत सरोवर है और आने जाने वाले विचार इसके तल पर उठने वाले बुलबुले
है। दूसरों कें मन की बात जानने की उत्सुकता प्रत्येक व्यक्ति में होती है।
मनोवैज्ञानिक सहित बहुत से लोग बहुत हद तक चेहरे के भावों को पढ़कर दूसरों के मन की बात जान लेते
है अर्थात वे मनोभाव को जानने में माहिर होते है लेकिेन आपके मन में क्या चल रहा
है इसे शब्दस: जानकर बता देना आश्चर्य ही है। योग से यह आश्चर्य प्राप्त किया
जा सकता है आप सोचे और हमे बता दे कि आपने क्या सोचा है। मन को स्थिर करने का
सबसे सरल उपाय यह है कि चुपचाप बैठ जाये और मन जहां जाये उसे जाने दे। बस उसे
देखते रहे। दृढ़ता पूर्वक इस भाव का चिंतन करे कि मैं मन को विचरण करते हुए।
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