Saturday, 3 February 2018

45 WPM Hindi Dictation for High Court, SSC, CRPF, Railways, LDC Exam Post-268 Mater Link

पार्ट 268
कुल शब्‍द 475 समय 10 मिनिट 30 सेकेंड

वह दृश्‍य ही सब कुछ बता रहा था केन्‍द्रीय विधि मंत्री रविंशंकर प्रसाद बड़े ही उत्‍साह के साथ हाल ही में भाजपा में शामिल किए गए मुकुल राय का पार्टी मुख्‍यालय में फूलों के साथ स्‍वागत कर रहे थे। त्रृण मूल कांग्रेस के पूर्व नेता शारदा और नारद घोटालों के आरोपी के साथ विधि मंत्री जैसा व्‍यक्ति जिसने 1970 के दशक में जेपी आंदोलन से राजनीति की शुरूआत की थी। ऐसा व्‍यहार कर रहा जैसे मुकुल राय कोई दुर्लभ राजनेता है यह तो ऐसा ही था जैसे सत्‍तारूढ दल में प्रवेश के साथ राय का शुद्धिकरण हो गया हो। बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के प्रमुख सहयोगी होने से उसके भाजपा प्रवेश को ममता के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। किंतु राजनीतिक भ्रष्‍टाचार के प्रति कड़ा रवैया रखने वाली अलग पार्टी होने के भाजपा के दावें का क्‍या हुआ? क्‍या प्रधान मंत्री उची आवाज में इस घोषणा के साथ सत्‍तारूढ नहीं हुये थे ‘ना खाऊगां ना खाने दूगां’।
                  राय की ही बात नहीं है भाजपा जिस नारायण राणे को  कांग्रेस में भ्रष्‍टाचार के प्रतीकों में से एक मानती थी वे एनडीए के सहयोगी बनने ही वाले है। राय तो कम से कम ममता के भीतर व्‍यक्तियों में प्रमुख स्‍थान होने का दावा कर सकते है राणे का तो कोकण पट्टे में भी प्रभाव खत्‍म हेाता जा  रहा है। भाजपा ने उनहें प्रवेश देने का निर्णय लिया है इससे लगता है कि पार्टी के पास हर उस व्‍यक्ति के लिए खुले द्वार की नीति है, जो भाजपा में आना चाहता है। फिर महराष्‍ट्र के मुख्‍य मंत्री देवेन्‍द्र फरणनवीस का वह दावा कहा गया जिसमें उन्‍होंने कहा था कि वे राज्‍य की घूसखोर राजनीतिक संस्‍कृति को बदलना चाहते है चुनाव वाले राज्‍यों गुजरात व हिमाचल प्रदेश को देखिए गुजरात में भाजपा ने पूर्व मुख्‍यमंत्री शंकर सिंह बाघेला के समर्थकों को लिया है जिन्‍हें कभी भाजपा नेतृत्‍व तीखे शब्‍दो में कांग्रेस की भ्रष्‍ट संस्‍कृति का अंग बताता था।  हिमाचल में भाजपा ने वरिष्‍ट कांग्रेस मंत्री और सुखराम के बेटे अनिल शर्मा को लिया है। वही सुखराम, जिनकी दूर संचार घोटाले में लिप्‍तता को देखते हुए भाजपा ने 1990 पार के दशक में लंबा भ्रष्‍टाचार विरोधी आंदोलन चलाया था। उन्‍हें प्रवेश देकर भाजपा ने यह संकेत दे दिया है कि वह वर्तमान के चुनावी फायदेके लिए भूतकाल को दफन करने को तैयार है जब हिमाचल में भाजपा के मुख्‍यमंत्री पद के प्रत्‍याशी प्रेम कुमार धूमल से सुखराम के बेटे  को लेने संबंधी सवाल किया गया था तो उनका जबाव काफी सांकेतिक था। ‘सारे संतो का भूतकाल होता हैख्‍ सारे पापियों का भविष्‍य होता है’

         नई भाजपा की सत्‍ता की इस निर्लज्‍य राजनीति की तुलना ‘पुरानी’ भाजपा के आर्दर्शवाद से की जा सकती है बाजपेयी-आडवाणी युग की भाजपा अपने युग के अलगाव पर कभी गर्भ करके अपनी हिदुत्‍वादी विशिष्‍टतया को नैतिक आधार देती थी। उंचा नैतिकतावाद कई बार पाखंदवाद हो जाता है।

No comments:

Post a Comment

70 WPM

चेयरमेन साहब मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि हम लोग देख रहे है कि गरीबी सबके लिए नहीं है कुछ लोग तो देश में इस तरह से पनप रहे है‍ कि उनकी संपत...