Sunday, 4 February 2018

45 WPM Hindi Dictation for High Court, SSC, CRPF, Railways, LDC Exam Post-284 With Mater

कुल शब्‍द 469 समय 10 मिनिट 30 सेंकेंड पार्ट 284

 स्‍वतंत्रता के बाद, भारत वर्ष में बच्‍चों कें प्रति सरकार तथा समाज सेविकों का ध्‍यान अधिक झुका हुआ है। भारत सरकार के विधान में बच्‍चों को अनेक आसामाजिक तथा शोषण को अवस्‍थाओं से बचाने की सुविधा प्रदान की गई है। विधान में व्‍यवस्‍था है कि बच्‍चें एक स्‍वस्‍थ, योग्‍य, स्‍वालंबी नागरिक बन सके। इसमें ऐसी भी व्‍यवस्‍था है कि 12 वर्ष से कम आयु के बच्‍चों से प्‍लांटेशन, 14 वर्ष से कम आयु के बच्‍चों से कारखाने और पन्‍द्रह वर्ष से कम आयु वाले बच्‍चों से खान में काम नहीं कराया जा सकता। रेल्‍वे में भी पन्‍द्रह वर्ष से कम आयु वाले बच्‍चों को काम नहीं दिया जा सकता। भारतीय संविधान के अनुसार 14 वर्ष तक की आयु के बच्‍चों को अनिवार्य शिक्षा दी जानी चाहिए।
         बाल अपराध की रोकथाम की दिशा में सरकार द्वारा वैधानिक कदम उठाये गये है। इन अधिनियमों के अंतर्गत बाल-अपराधियेां के मामलों को  सामान्‍य न्‍यायालयों में ना ले जाये और उनहें सामान्‍य कारागारों से प्रथक कर, सुधारवादी संस्‍थाओं में ले जाने की व्‍यवस्‍थाएं है। इनमें कुछ अधिनियम इस प्रकार है उत्‍तर पद्रेश में किशोर अपराधियों के सुधार की दिशा में महत्‍वपूर्ण कार्य किए गए है। उत्‍तर पद्रेश बाल अधि‍नियम 1951 के अंतर्गत्‍ निम्‍न संस्‍थाओं एवं अधिकारियों की व्‍यवस्‍था की गई है। प्रदेश के 16 जिलों  में जिसमे उत्‍तर पद्रेश बाल अधिनियम पूर्णत: लागू है। उत्‍तर प्रदेश बाल नियमाबली, 1962 के नियम 52 के  अंतर्गत एक एक पर्यवेक्षण ग्रह स्‍‍थापित किया गया है। पांच महानगरियों में सथापित इन ग्रहों की क्षमता पचास-पचास तथा शेष ग्रहों की क्षमता 15-15 बालसंवायिों की है इन ग्रहों में बाल न्‍यायालय की अनुमति से 16 वर्ष से कम आयु के बच्‍चों तथा तथा अवस्‍यक अपराधियों को मुकदमों के अंतिम निर्णय तक निरूद्ध किया जाता है यहां समवासियों की सुव्‍यवस्‍था तथा सुधारात्‍मक दृष्टिकोण से एक-एक सहायक अधीक्षक तथा अन्‍य आवश्‍यक कम्रचारी नियुक्‍त है। इन ग्रहों में बच्‍चों के लिए निशुल्‍क आवास भरण पोषण तथा चिकित्‍सा आदि की व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध है।
         उत्‍तर प्रदेश बाल अधिनियम 1951 की धारा 34 के अंतर्गत्‍ सुधार अधिकारी की नियुक्ति की व्‍यवस्‍था की गई है। इसेक सुचारू रूप से कार्य संचाल न के निमित्‍य सुधार अधिकारी के कार्यलय के लिए एक एक लिपिक तथा चपरासी भी नियुक्‍त है सुधार अधिकारी विचारधीन मुकदमों से संबंधित बाल अपराधियों के बारे मे अपनी गोपनीय व्‍याख्‍या देते है तथा उन बालको और अवयस्‍क्‍ अपराधियों के सुधार हेतु देखरेख करते है अधिनियम के अंतर्गत्‍ अधिकृत न्‍यायाधीशों को आदेशो  पर इनके संरक्षण में बाल अपराधी मुक्‍त किए जाते है। सुधार अधिकारी अपने कार्यलय के अतिरिक्‍त पर्यवेक्षण ग्रह में उपर भी देखरेख तथा नियंत्रण रखते है।

         बाल न्‍यायालयों की स्‍थापना अधिनियम की धारा 60 के अंतर्गत हई थी परंतु जुलाई 1967 से मितव्‍ययिता के आधार पर अवैधानिक न्‍यायाधीशों की नियुक्तियां रद्द करके इनके स्‍थान पर वैधनिक न्‍यायाधीशें को इस अधिनियम के अंतर्गत बाल अपराधों का निर्णय करने हेतु शासन द्वारा

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