पार्ट 266
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50 WPM - 55 WPM Hindi Dictation for High Court, SSC, CRPF, Railways, LDC Exam Post-266
एक
विद्यालय के तीन छात्रों को सदाचरण और उत्कृष्ट
चारित्र के लिए पुरस्कृत किया गया । तीनों को मिलाकार एक ही सिक्का दे दिया गया
कि वे जाकर आपस में से बांट ले। छात्रों में एक भारतीय था, दूसरा पारसी, तीसरा था अंग्रेज। एक दूसरे
की भाषा वे नहीं समझते थे। इसलिए सिक्के
का बंटवारा एक समस्या हो गई अंग्रेज लड़के ने अपनी भाषा में कहा – मुझे अपने हिस्से
का बॉटरमेलन चाहिए। फिर पारसी ने अपनी भाषा में कहा – मुझे हिंदुवाना चाहिए और फिर
भारतीय लड़के की मांग थी कि मुझे तरबूज
मिलना चाहिए। बात काफी, बड़ गई और झंझट तय ना हुआ।
अंत में से तीनों एक ऐसे आदमी के पास गये
जो तीनों भाषाएं अच्छी तरह समझता था। तीनों ने उसे अपनी अपनी बात कही। उस व्यक्ति
ने वह सिक्का अपने हाथ में ले लिया और बाजार से एक बड़ा सा तरबूज खरीद कर लाया।
उसकी तीन बराबर फांके करके उसने सर्वप्रथम अंग्रेज बालक को बुलाया और फांक देते
हुए कहा – यह रहा तुम्हार वॉटरमेलन। उसी प्रकार शेष दोनों को बुलाकर उनकी भाषा
में समझाकर पारसी को हिंदुआना और तरबूज की एक एक फांक दे दी। तीनों जब कमरे के
बाहर आकर मिले तो पाया कि उन तीनों की एक ही इच्छा थी; एक वस्तु के लिए वे देर
से लड़ रहे थे। संसार की स्थिति भी ऐसी है धेय सबका एक ही है पर भाषा, जाति, देश के
भेदभाव के कारण परस्पर टकरा रहे है।
राजस्थान में जयपुर के समीप एक ठिकाने
में कए गांव में कुंभ पर चार स्त्रिया पानी भरने जा रही थी। राजस्थान मे पानी की
अभाव है दूर से पानी लाना होता है, और पानी भरने का काम प्राय: स्त्रिया ही करती
हैं। और चारों बाते करती जा रही थी। एक ने कहा मेरा लड़का बड़ा अच्छा है वह
पहलवान है ,बड़ी बड़ी लड़ाईयों ने नहीं डरता सब तरफ उसका नाम है। उसकी मां कहकर
लोग मेरा सम्मान करते है, दूसरी बोली मेरा लड़का जज है, जज कुर्सी पर बैठता है,
फैसला करता है।
तीसरी ने तपाक से कहा रहने भी दो मेरा लड़का ज्योतिषी है तारों को
देखकर वर्षा, अकाल, ग्रहण बता देता है उसके पास भविष्य पूछने वालों की भीड़ लगी
रहती है सब मेरा आदर करते है। चौथी चुप रही तीनों ने ताना दिया कि वेचारी का लड़का
बिना पड़ा लिखा है तभी उसने जबाव दिया कि ऐसा मत कहो वह मेरी बड़ी सेवा करता है
अपनी पढ़ाई के साथ साथ गांव भर की चिंता करते है सभी उसकी प्रसंसा करते है मुझे
इसी में प्रशंशा है बातों ही बातों में वे कुएं तक पहुंच गई चारो पानी भर घडे सिर
पर रख कर घर की ओर लौट पड़ी तब एक बृद्ध उनकी बाते सुन रहा था उसके मन मे कौतूहल
जगा कि अच्छा बालक कौन है। अभी वे दो चार पग ही चली होगी कि धूल उड़ाती मोटर रूकी
उसमे बैठे जज साहब ने मां को डाटा क्यो बेइज्ती कराने पर तुली हो, कितनी बार कहा
है आंगे पीछे पानी भर लिया करो और गॉडी चली गई तभी पीछे से दूसरी आबाज आई अब पानी
भर कर ले जाओंगी खाना कब बनेगा क्या भूखा मार डालने की सोची है, इतना कहकर हट्टा
कट्टा पहलवान मुंह बनाकर चला गया सिर पर पानी का घड़ा होने से चारो स्त्रिया धीरे
से धीरे चल पा रही थी। इतने में फिर किसी
की तेज आवाज सुनाई दी यह था ज्योतिषी जो चिल्ला चिल्ला कर कह रहा था कि मुझे
पता है कि आज भाग्य में खाना नहीं है मुझे कही जाना है यह भी आगे बढ़ गया।
तभी
अचानक दूर से किसी के भागकर आने की आहट हुई उस बालक ने आते ही सबसे पहले अपनी मां
के सिर का घड़ा उतारकर अपने सिर पर रखा और पोटली बगल में दबाई उसकी आंखों में आंसू
थे वह कह रहा था मैं बड़ा अभागा हूं जो मेरे जीते जी तुझे पानी भरने आना पड़ा अगर
आज खाना थोड़ी देर से बन जाता तो मैं मर थोड़े ही जाता। इतना सुनकर तीनों
स्त्रियों के सिर शर्म से झक गये उनके घर पास आ चुके थे वे अपने अपने घरों में चली
गई बृद्ध प्रसन्न था उसे अपना उत्तर मिल चुका था। अब आप ही बताओ कि आप कौन सा
बालक पसंद करोगे?
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