Monday, 12 February 2018

Hindi Dictation For High Court LDC Typing & SSC Mix Series Post-Steno-12 Mater Link 38 WPM - 40 WPM


कुल 385
समय 10 मिनिट

इस धारा का उद्देश्‍य दोषी व्‍यक्ति द्वारा अपराध के शिकार व्‍यक्ति को प्रतिकर देने तथा अभियोजन में उपगत व्‍ययों को चुकाने तथा उनकी भर्त्‍सना करने के लिए समुचित व्‍यवस्‍था करना है। दण्‍ड न्‍यायालय का कार्य अपराधी को दण्‍ड देना और (व्‍यवहार विषयक सिविल न्‍यायालय का कार्य) दोषकर्ता द्वारा विक्षुब्‍ध पक्षकार को कारित की गई क्षति अथवा हानि के लिए प्रतिकर दिलवाना है। तथापि यदि इन दोनों प्रक्रियाओं को सम्मिलित किया जा  सकता है उसके फलस्‍वरूप और दाण्डिक और व्‍यवहसर संबंधी आदेशिकाकाए प्रभावित नहीं करती तो ऐसा करना उचित और स्‍थकर होगा, क्‍योकि इससे दो भिन्‍न न्‍यायालयों में उपचार प्राप्‍त करने में समय और धन दोनो की बचत होगी। धारा 357 इसी लक्ष्‍य को लेकर आगे बढ़ती है।
         इस धारा के अधीन प्रतिकर का आदेश दिया जा सकता है, चाहे भले ही अपराध जुर्माने से दण्‍डनीय हो और जुर्माना दिनांक 23/03/2007 से वास्‍तविक रूप से लगाया गया हो परंतु ऐसे प्रतिकर का आदेश तभी दिया जा सकता है जब अभियुक्‍त को दोष मुक्ति प्रदान की गई हो। उसके विरूद्ध दण्‍डादेश पारित किया गया हो। प्रतिकर किसी भी हानि या क्षति के लिए देय हो सकता है, चाहे वह शारीरिक हो या अर्थ संबंधी प्रतिकर हो? न्‍यायालय को इस निमित्‍य क्षति की प्रकृति, क्षति की प्रणिति की रीति, अभियुक्‍त की भुगतान क्षमता और अन्‍य प्रासंगिक हेतुकों पर
उसे लेकर प्राथी सीईओ जनपद पंचायत शाहगढ़ दिनांक 02/08/17 को गया परंतु कार्यलय में पत्र नहीं पहुंचा इसके बाद जिला कलेक्‍टर कार्यलय सागर एवं मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर में पता लगाया गया। आज दिनांक तक प्रतिलिपी अप्राप्‍त है इस प्रकार मेरे द्वारा खोजबीन करने पर पता चला कि उक्‍त पत्र दिनांक 02/08/17 को डीईओं कार्यलय द्वारा डाक रजिस्‍टर पर चढ़ाकर शाहगढ़ भेजा गया है। मेरे द्वारा कोई आवेदन दिया जाता है। तो शिक्षा विभाग द्वारा कोई नया बखेड़ा खड़ा कर अड़न्‍गा लगाना इनकीनियति बन गई है अत: आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि माननीय उच्‍च न्‍यायालय एवं प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मध्‍यप्रदेशा शासन भोपाल के आदेशों के परिपालन में मेरा नियुक्ति आदेश देकर मेरे साथ न्‍याय प्रियता प्रदान करने की कृपा करने की दया करे। यदि प्रार्थी का एक सप्‍ताह में नियुक्ति आदेश नहीं दिया गया तो मजबूरन प्राथी डबल कोर्ट अवमानना हेतु माननीय उच्‍च न्‍यायालय की न्‍याय पाने हेतु शरण लेगा जिसका समस्‍त उत्‍तरदायितव्‍ आपका एवं शासन का होगा। 

No comments:

Post a Comment

70 WPM

चेयरमेन साहब मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि हम लोग देख रहे है कि गरीबी सबके लिए नहीं है कुछ लोग तो देश में इस तरह से पनप रहे है‍ कि उनकी संपत...