Saturday, 10 February 2018

post115


कुल शब्‍द – 476
समय 11 मिनिट 30 सेकेंड
पार्ट 115

व्‍यापार एवं अन्‍य वसतु चिनह अधिनियम, 1958 निर्सित किया जाता है। निर्सन की बावत् साधारण खण्‍ड अधिनियम, 1897 के उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना व्‍यापार और अन्‍य वसतु चिनह अधिनियम, 1958 (1958 का 43) के अधीन निकाली गई गई अधिसूचना, बनाया गया नियम, किया गया आदेश, की गई अपेक्षा, किया गया रजिसट्रीकरण, दिया गया प्रमाणपत्र, दी गई सम्‍पत्ति, किया गया आवेदन, की गई प्रार्थना, या बात यदि इस अधिनियम के प्रारंभ में प्रबत्‍त है तो वह प्रवत्‍त बनी रहेगी और इस प्रकार प्रभावी होगी मानों वह इस अधिनियम के तत्‍स्‍थानीय उपबंधों के अधीन निाकली गई, बनाया गया, किया गया, की गई, दिया या दी गई है।
इस अधिनियम के उपबंध, इस अधिनियम के प्रारंभ के समय लंबित व्‍यापार चिन्‍ह के रजिसट्रीकरण के चिन्‍ह के किसी आवेदन को और उस पर किसी पारिणामिक कार्यवाही को उसके अनुसारण में अनुदत्‍त किसी रजिस्‍ट्रीकरण को लागू होगे। धारा 100 के उपबंधों के अधीन रहते हुए और इस अधिनियम के किसी अन्‍य उपबंध में किसी बात के होते हुए भी, इस अधिनियम के प्रारंभ पर किसी न्‍यायालय में लंबित कोई विधिक कार्यवाही उस न्‍यायालय में जारी रखी जायेगी मानों यह अधिनियम पारित ना हुआ हो।
       इस अधिनियम में किसी बात के होते हुए भी, जहां किसी रजिस्‍ट्रीकृत व्‍यापार चिन्‍ह का विशिष्‍ट उपयोग, इस अधिनियम के प्रारंभ के पूर्व रजिस्‍ट्रीकृत किसी व्‍यापार चिन्‍ह का अतिलंघन नहीं है, वहां उस चिन्‍ह का सतत उपयोग इस अधिनियम के अ‍धीन अतिलंघन नहीं होगा। उपधारा 2 में किसी बात के होते हुए भी किसी ऐसे व्‍यापार चिन्‍ह के, जो इस अधिनियम के प्रारंभ के पूर्व रजिस्‍ट्रीकृत है। रजिस्‍ट्रीकरण के अवसान की तारीख सात वर्ष का अवधि के ठीक बाद की वहीं तारीख होगी जिसके लिए इसे रजिस्‍ट्रीकृत या नवीकृत किया गया था।
     परंतु व्‍यापार और पन्‍य वस्‍तु चिन्‍ह अधिनियम, 1958 (1958 का 43) की धारा 47 में निर्दिष्‍ट प्रतिरक्षात्‍मक व्‍यापार चिन्‍ह का रजिस्‍ट्रकरण ऐसे प्रारंभ के पांच वर्ष की समाप्ति के ठीक बाद की या उस अवधि की समाप्ति के ठीक बाद की जिसके लिए इसे रजिस्‍ट्ीकत या नवीकृत किया गया था इनमें से जो भी पहले हो तारीख को प्रभावी नहीं रहेगा। इस प्रकार धारा 159 की उपधारा 1 जहां व्‍यापार एवं पन्‍य वस्‍तु चिन्‍ह अधिनियम 1958 को निर्सित करती है वहीं उपधारा 2 यह उपबंध करती है कि व्‍यापार एवं अन्‍य वस्‍तु चिन्‍ह अधिनियम 1958 के अधीन निकाले गये या किए गए निम्‍नलिखित व्‍यापार चिन्‍ह अधिनियम 1999 के लागू होने पर प्रवत्‍त बने रहेगे और वैसे प्रभावी होगे जैसे कि वे व्‍यापार चिन्‍ह अधिनियम 1999 के अधीन किए गए हो।
व्‍यापार चिन्‍ह अधिनियम 1999 के लागू होने के समय किसी न्‍यायालय में लंबित कोई विधिक कार्यवाही उस न्‍यायालय में जारी रखी जायेगी मानों यह अधिनियम पारित ही ना हुआ हो। इसी प्रकार जहां किसी रजिस्‍टर्ड व्‍यापार चिन्‍ह का उपयोग, व्‍यापार चिन्‍ह अधिनियम 1999 के प्रारंभ में पूर्व रजिस्‍टर्ड किसी व्‍यापार चिन्‍ह का अतिलंघन नहीं है, वहां उस चिन्‍ह का

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