Wednesday, 21 March 2018

50 WPM Hindi Dictation




आरोपी के विरूद्ध यह प्रकरण अंतर्गत धारा 302 के अधीन इस प्रकार है कि उसने दिनांक 13.10.2014 को दिन के 03:00 बजे अपने स्‍वयं के मकान की टापरी स्थित ग्राम रामटेक थाना छीपाबढ़ में मृतक ज्‍वारीलाल की हत्‍या करने के आशय से उसके पेट में लकड़ी मारी, जिससे उसकी मृत्‍यु हो गयी। अभियोजन के अनुसार मामले के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि मृतक के पिता बुद्धु ने पुलिस थाना छीपाबढ़ में इस आशय  की सूचना दिया कि उसका लड़का ज्‍वारीलाल अपनी पत्नि सुदंरबाई को लिबाने लिए अपनी ससुराल ग्राम रामटेक गया था, साथ में उसकी नातिन रविता व कविता भी गई थी, तभी लिबाने की बात को  लेकर रामसिंह का विवाद ज्‍वारीलाल से हो गया व उसने उसके साथ लकड़ी से मारपीट किया, जिससे  उसकी मृत्‍यु हो गई, सूचना मिलने पर वह स्‍वयं रामटेक गया, वहां उसने अपने  लड़के को मरा हुआ पाया।


          घटना को रविता व कविता  ने देखा। घटना 3 बजे की बताई गई उक्‍त सूचना दिए जाने मर मर्ग क्रमांक 10/14 कायम किया गया व उसकी सूचना एसडीएम हिरकिया को दी गई। मर्ग की जांच के दौरान सूचनाकर्ता बुद्धु मृतक की पत्नि सुंदरबाई व उसकी लड़कियां रविता व कविता के कथन लिए गए। जिसमें यह बात कही गई कि मृतक को उसके सगे साले आरोपी रामसिंह ने झूमाझटकी करके जमीन में पटक दिया व जलाऊ लकड़ी से उसकी मारपीट की जिससे उसकी मृत्‍यु हो गई। मृतक व आरोपी के बीच विवाद सुंदरबाई को अपने साथ ले जाने की बात पर से हुआ। मृतक के शव का परीक्षण किया गया, जिसमें डॉक्‍टर ने मृत्‍यु का कारण मृतक की हत्‍या किया जाना बताया। इस पर आरोपी के विरूद्ध धारा 302 का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। मामले का अनुसंधान किया गया, जिसके अंतर्गत मौके  से  एक  लकड़ी आरोपी की निशादेही पर जब्‍त की गई जो दी फीट आठ इंच लंबी थी व उसकी मौटी 21 सेंटीमीटर थी जिसका एक शिरा कटा हुआ था व दूसरे शिरे मे गठान कटी हुई थी। पुलिस ने घटना स्‍थल का नक्‍शा मौका बनाया। आरोपी का मेमोरेण्‍डल का कथन अभिलिखित किया गया व उसको गिरफ्तार किया गया। साक्षियों कें कथन अभिलिखित किए गये तथा अनुसंधान पूरा होने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र अंतर्गत धारा 302 के अधीन पेश किया गया। आरोपी पर आरोप अंतर्गत धारा 302 के अधीन विरचित किए जाने पर उसने जुर्म अस्‍वीकार किया व प्रतिरक्षा चाही।
       

   क्‍या घटना दिनांक 13.10.14 को ज्‍वारीलाल की मृत्‍यु हुई जो मानववध स्‍वरूप की थी? क्‍या आरोपी ने मृतक की हत्‍या कारित करने के आशय से उसके साथ उक्‍त लकड़ी से मारपीट किया, जिससे उसकी मृत्‍यु हो गई? अभियोजन की ओर से डॉक्‍टर ऑरके विश्‍वकर्मा के कथन कराए गए है जो दिनांक 14.10.14 को सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र खिरकिया में मेडिकल ऑफिसर के पद  पर पदस्‍थ थे उन्‍होंने उक्‍त दिनांक को मृतक के शव का परीक्षण किया। मृतक के इपीगेस्टिक रीजन में एक कटे हुए घाव की चोट 2 गुणा 2 सेंटीमीटर की पाई। आंख के उपर भी एक कटा हुआ घाव था जो पांच गुणा तीन सेंटीमीटर था। वाये ई‍लियफ री‍जन में एक कटे हुए घांव की चोट थी, जो पांच गुणा दो सेंटीमीटर की थी। पीठ में घिसाव के निशान थे, हाथ पैर

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