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उपसभा
अध्यक्ष जी मैं शुरू मैं यह निवेदन कर देना चाहता हूं कि राष्ट्रपति पद और राष्ट्रपति
के लिए मेरे लिए मेरे दिल में बड़ा आदर है इसमें किसी को संदेह नहीं हेाना चाहिए।
लेकिन जब मेने इस भाषण को पड़ा है तेा मुझे घोर निराशा हुई है और मुझे याद आता है
कि मुझे इस तरह का भाषण इस सदन में पेश नहीं किया गया यह उम्मीद नहीं थी हमको कि
राष्ट्रपति के भाषण में इस तरह की बात कहीं जायेगी। राष्ट्रपति कें भाषण में यह
उम्मीद की जाती है और देश चाहता है कि देश के सामने जो मौलिक प्रश्न है आगे आने
वाले वर्ष में उनको कैसे हल किया जायेगा। इसकी कुछ रूपरेखा मिलेगी इस बात का कोई
संकेत इसमें नहीं है। कौन से ऐसे प्रश्न है आज देश का सबसे मौलिक प्रश्न है यहां
की गरीबी मिटाने का क्या सरकारी पार्टी के लोग इसको नकार सकते है कि यह प्रश्न
नहीं है। सरकारी पक्ष से जो जबाव आयेगा वह उसमें बताएगे लेकिन इसमें तो कोशिश यह
हुई है किस तरह से गरीबी और बड़े। यहा इसके जरिए उल्टी गंगा बहाई जा रही है। यह
चीज है जो मै पहले कहने जा रहा हू कि इस सदन से और यहां से देश उम्मीद करता था कि
जो पार्टी पावर में है और जिसको देश की जनता ने चुनकर भेजा है और उसने भेजा है तभी
आप वहां की जनता ने चुनकर भेजा है। कुछ ना कुछ करेगे देश की गरीबी मिटाने के लिए
लेकिन आप कुछ करिए तो मैं पहला आदमी होऊगा जो आप का साथ देगा लेकिन आप कुछ भी नहीं
कर सकते है। यह मैं जानता हूं कहा आपकी तागत है और कहा आपका कलेजा कापता है इसकी
गहराई में नहीं जाना चाहता लेकिन मैं उसे जानता हूं इस गरीबी को मिटाने के लिए इस
भाषण में कुछ नहीं है इसमें कुछ 40 मुद्दे है इसमें पहले तो परिचात्मक है और
अंतिम में सदस्यों का स्वागत किया गया
है बाकी 38 मुद्दों में एक भी मुद्दा ऐसा नहीं है जिससे सरकार इस देश की
गरीबी को मिटा सकती हो कही कुछ नहीं है और
जो बाते दी गई है राष्ट्रपति के भाषण में यह तो अखबारों में रोज छपती है और अकसर
छपती रहती है। मुझे ऐसा महसूस होता है सरकार को इस विषय पर सोचने के लिए सरकार को
पूरा समय नहीं मिला है और अगर मिला है तो जल्दी जल्दी इसको लिखा गया है इसलिए
कि कुछ बाते दे दे और उनको ही राष्ट्रपति के मुह से कहलवा दे अगर सच्चाई के साथ
सोचा जाता तो हो सकता है कि इसमे पहला मुद्दा यह होता कि इस तरह से देश की गरीबी
को मिटाया जा सकता है। मैं यह जानना चाहता हँ कि उसको आप एक दिन में मिटा नहीं
सकते लेकिन इस दिशा में अपकी तब्ज्या होनी चाहती थी जो दिखाई नहीं देती।
उपसभा
अध्यक्ष जी मैं शुरू मैं यह निवेदन कर देना चाहता हूं कि राष्ट्रपति पद और राष्ट्रपति
के लिए मेरे लिए मेरे दिल में बड़ा आदर है इसमें किसी को संदेह नहीं हेाना चाहिए।
लेकिन जब मेने इस भाषण को पड़ा है तेा मुझे घोर निराशा हुई है और मुझे याद आता है
कि मुझे इस तरह का भाषण इस सदन में पेश नहीं किया गया यह उम्मीद नहीं थी हमको कि
राष्ट्रपति के भाषण में इस तरह की बात कहीं जायेगी। राष्ट्रपति कें भाषण में यह
उम्मीद की जाती है और देश चाहता है कि देश के सामने जो मौलिक प्रश्न है आगे आने
वाले वर्ष में उनको कैसे हल किया जायेगा। इसकी कुछ रूपरेखा मिलेगी इस बात का कोई
संकेत इसमें नहीं है। कौन से ऐसे प्रश्न है आज देश का सबसे मौलिक प्रश्न है यहां
की गरीबी मिटाने का क्या सरकारी पार्टी के लोग इसको नकार सकते है कि यह प्रश्न
नहीं है। सरकारी पक्ष से जो जबाव आयेगा वह उसमें बताएगे लेकिन इसमें तो कोशिश यह
हुई है किस तरह से गरीबी और बड़े। यहा इसके जरिए उल्टी गंगा बहाई जा रही है। यह
चीज है जो मै पहले कहने जा रहा हू कि इस सदन से और यहां से देश उम्मीद करता था कि
जो पार्टी पावर में है और जिसको देश की जनता ने चुनकर भेजा है और उसने भेजा है तभी
आप वहां की जनता ने चुनकर भेजा है। कुछ ना कुछ करेगे देश की गरीबी मिटाने के लिए
लेकिन आप कुछ करिए तो मैं पहला आदमी होऊगा जो आप का साथ देगा लेकिन आप कुछ भी नहीं
कर सकते है। यह मैं जानता हूं कहा आपकी तागत है और कहा आपका कलेजा कापता है इसकी
गहराई में नहीं जाना चाहता लेकिन मैं उसे जानता हूं इस गरीबी को मिटाने के लिए इस
भाषण में कुछ नहीं है इसमें कुछ 40 मुद्दे है इसमें पहले तो परिचात्मक है और
अंतिम में सदस्यों का स्वागत किया गया
है बाकी 38 मुद्दों में एक भी मुद्दा ऐसा नहीं है जिससे सरकार इस देश की
गरीबी को मिटा सकती हो कही कुछ नहीं है और
जो बाते दी गई है राष्ट्रपति के भाषण में यह तो अखबारों में रोज छपती है और अकसर
छपती रहती है। मुझे ऐसा महसूस होता है सरकार को इस विषय पर सोचने के लिए सरकार को
पूरा समय नहीं मिला है और अगर मिला है तो जल्दी जल्दी इसको लिखा गया है इसलिए
कि कुछ बाते दे दे और उनको ही राष्ट्रपति के मुह से कहलवा दे अगर सच्चाई के साथ
सोचा जाता तो हो सकता है कि इसमे पहला मुद्दा यह होता कि इस तरह से देश की गरीबी
को मिटाया जा सकता है। मैं यह जानना चाहता हँ कि उसको आप एक दिन में मिटा नहीं
सकते लेकिन इस दिशा में अपकी तब्ज्या होनी चाहती थी जो दिखाई नहीं देती।
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