Wednesday, 14 March 2018

80 WPM Post - 3


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समय 5 मिनिट

महोदया बड़ी प्रतीक्षा के बाद आज वह शुभ दिन आया है जिस दिन हिंदु समाज में स्‍त्रीयेां कें साथ शताब्दियों कें साथ जो अन्‍याय होता चला आया है उसका अंत हेाने जा रहा है और लड़कियों को उनके पिता की सम्‍पत्ति में कुछ भाग मिलने की व्‍यवस्‍था की जा रही है और केवल स्‍त्री होने के नाते उनके साथ अन्‍याय ना किया जा सकेगा। उपाध्‍ययक्ष महोदय आज ना जाने कितने लोग हमारे यहां से विदेशों में जा रहे है और  इंटरनेशनल कॉंफ्रेंस में भाग ले रहे और वहां जाकर भारत की ओर से ह्रयूमन राईटर इक्‍वल ट्रीटमेंट आदि सिंद्धांतो का उपदेश दे रहे है और इस बात का विचार कर रहे कि संसार में मनुष्‍य मनुष्‍य के बीच में एकता हो और आपस में समानता हो और हम देखते है किे आज संसार पर हमारे देश का काफी प्रभाव पड़ा है और यदि आज ऐसी सूरत में हम एक ऐसे ही विधेयक को जो सरकार लाई उसको हम आजपास नहीं करेगे तो बहुत दुर्भाग्‍य की बात होगी।

 इस कारण आज हम सदस्‍यों को इस बिल को तुरंत ही पास कर देना चाहिए जिससे की यह लागू हो और जो अनयाय हम लोग एक स्‍त्री के साथ महज स्‍त्री होने के नाते करते रहे है इस धब्‍‍बे को आज उस कलंक को हमें भारत माता के माथे पर से धोना होगा। समाज के लिए यह बिल बहुत ही ज्‍यादा आवश्‍यक और लाभदायक है। सत्रीयों को यदि इकोनामिक इंक्‍वालिटी नहीं देगे तो कुछ थोड़ी सी उनको इकानामिक सहायता नहीं देगे तो हमने अभी यह जो हिंदु मेरिज बिल पास किया है उसका भी पास करना अ‍भी पास करना बिलकुल बेकार हो जायेगा। कुछ लोगों को अ‍भी इस बात का भय हो रहा है अगर लड़की को यदि बाप की जायजाद में यदि कुछ भाग मिल गया तो समाज का तख्‍ता उलट जायेगा। पारिवारिक जीवन उलट जायेगा और भाई बहनों में प्रेम नहीं रहेगा और कलह बढ़ जायेगी तो मैा उन भाईयों से पूछा चाहूगी कि आज जिन जातियेां में बहनों को हक दिया जाता है लड़कियों को पिता की प्रापटी में हिस्‍सा मिलता है तो क्‍या उनके यहां भाई बहिनों में प्रेम भाव नहीं रहता। इसके अलावा आज हम देखते है कि आज जो पुराने कुटुम्‍ब थे और संयुक्‍त परिवार चले आ रहे थे वह आज शहरों में तो समाप्‍त हो रहे है और देहातों में भी टूटे रहे है।

महोदया बड़ी प्रतीक्षा के बाद आज वह शुभ दिन आया है जिस दिन हिंदु समाज में स्‍त्रीयों कें साथ

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