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समय 11 मिनिट 10
सेकेंड
73वें व 74वें
संविधान संशोधन के उपरांत स्थानीय स्तर पर शासन प्रशासन के साथ साथ योजना निरूपण
के अधिकार भी प्रदत्त किए गए है संशोधित प्रावधानों के अंतर्गत संविधान के अनुच्छेद
243 यग द्वारा प्रत्येक जिले में जिला योजना समिति गठित करने का प्रावधान किया
गया है अत: मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में पंचायतों और नगर पालिकाओं द्वारा
तैयार की गई योजनओं को समेकित करने के लिए और संपूर्ण जिले के लिए एक विकास योजना
प्रारूप तैयार करने के लिए जिला स्तर पर योजना समिति गठित की गई है। इस समिति को
स्थानीय आवश्यकताओं तथा उद्देश्यों को अभिनिर्धारित करने तथा जिला स्तर पर
प्राकृतिक तथा मानव संशाधनों से संबंधित जानकारियों को एकत्र करने तथा उनकी रूप
रेखा तैयार करने जैसी कार्य सौंपे गये है। 1 अप्रैल, 1999 से तत्कालीन दिग्विजय
सरकार के कार्यकाल में जिला योजना समिति अधिनियम 1995 में संशोधन का धारा 7(क) जोड़ी गई और उसे अधिक शक्ति सम्पन्न
बनाकर जिला सरकार की रूप में प्रचारित किया गया था। जिला सरकार के लागू हो जाने के
बाद मंत्रालयों और सचिवालय के जिला स्तरीय अधिकार जिला प्रतिनिधियों को दे दिए गए
थे, फलस्वरूप ऐसे कार्यो का निराकरण जिला स्तर पर ही हो जाता था जो इसके पूर्व
संभाग या सचिवालय में लंबित पड़े रहते थे।
परंतु प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद
सुश्री उमा भारती के मुख्य मंत्रित्व
काल में जिला सरकार समाप्त कर दी गई है। इस हेतु धारा 7(क) को विलोपित कर दिया
गया है जो वर्ष 1999 में जोड़ी गई थी। नवीन व्यवस्था के तहत मध्यप्रदेश जिला
योजना समिति संशोधन अधिनियम, 2004 मध्यप्रदेश असाधारण राजपत्र में दिनांक
16/03/20004 को प्रकाशित किया गया। इस संशोधित अधिनियम में धारा 3-1 में संशोधन
द्वारा धारा 7(क) का विलोपन एवं धारा 4(1) के अंतर्गत् अनुसूची में संशोधित किया
गया है। अन्य प्रावधान पूर्ववत वर्तमान है। मध्यप्रदेश विधानसभा द्वारा संशोधित
एवं पारित विधेयक 24 मार्च
1999 के प्रावधानों के अनुसार जिला योजना समिति के सदस्यों की संख्या निर्धारित
कर दी गई है। न्यूनतम 15 एवं अधिकतम 25 सदस्य तीन प्रकार के होगे यथा निर्वाचित
मनोनीत विशेष आमत्रित सदस्यों में से 80 प्रतिशत सदस्यगण जिला पंचायत एवं जिले की
नगर पालिकाओं कें निर्वाचित सदस्यों द्वारा निर्वाचित होगे। इन दोनों प्रकार के
निर्वाचित सदस्यों की संख्या का अनुपात संबधित जिले की ग्रामीण एवं शहरी जनसंख्या के अनुपात में होगा। शेष 20 प्रतिशत
सदस्यो के मनोनयन का प्रावधान है जिनमें जिला पंचायत के अध्यक्ष राज्य सरकार
द्वारा मनोनीत एक या दो सदस्य, सदस्य संख्या 20 होने पर 1 एवं 25 होने पर 2 राज्य सरकार के प्रभारी
मंत्री एंव जिला कलेक्टर शामिल होगे। जिले के सांसद व विधायक जिला योजना समिति के
विशेष स्थाई आमत्रित सदस्य होगे। स्थाई आमत्रितों कें मंत्री या सांसद होने की
स्थिति में इनहे अपने स्थान पर एक पतिनिधिमत
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