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समय 10 मिनिट
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न्यायिक मजिस्ट्रटो
की स्थानीय अधिकारिता – उच्च न्यायालय के नियंत्रण के अधीन रहते हुए, मुख्य न्यायिक
मजिस्ट्रेट, समय- समय पर उन क्षेत्रों की स्थानीय सीमाएं परिनिश्चित कर सकता है
जिनके अंदर धारा 11 या धारा 13 के अधीन नियुक्त मजिस्ट्रेट उन सब शक्तियों का या
उनमें से किन्हीं का प्रयोग कर सकेगे, जो इस संहिता के अधीन उसमें निहित की जाये।
परंतु विशेष मजिस्ट्रेट का न्यायालय उस स्थानीय क्षेत्र के भीतर, जिसके लिए वह
स्थापित किया गया है, किसी स्थान में अपनी बैठक कर सकता है।
ऐसे परिनिश्चय द्वारा जैसा उपबंधित है
उसके सिवाय प्रत्येक ऐसे मजिस्ट्रेट की अधिकारिता और शक्तिओं का विस्तार जिले में
सर्वत्र होगा।
जहा धारा 11 या धारा 13 या धारा 18 के अधीन नियुक्त मजिस्ट्रेट
की स्थानीय अधिकारिता का विस्तार, यथा स्थिति उसे जिले या महानगर क्षेत्र के
जिसके भीतर वह मामूली तौर पर अपनी बैठके करता है, बाहर किसी क्षेत्र तक है वहां इस
संहिता में सेशन न्यायालय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट
के प्रति निर्देश का ऐसे मजिस्ट्रेट के संबंध में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा
अपेक्षित ना हो, यह अर्थ लगाया जायेगा कि वह उसकी स्थानीय अधिकारिता के सम्पूर्ण
क्षेत्र के भीतर उक्त जिला या महानगर क्षेत्र के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग
करने वाले, यथा स्थिति, सेशन न्यायालय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या मुख्य
महानगर मजिस्ट्रेट के प्रति निर्देश है।
न्यायिक मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ होना
– प्रत्येक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ,सेशन न्यायधीश के अधीनस्थ होगा और
प्रत्येक अन्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सेशन
न्यायाधीश के साधारण नियंत्रण कें अधीन रहते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के
अधीनस्थ होगा।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अपने अधीनस्थ न्यायिक
मजिस्ट्रेटो में से कार्य के वितरण के बारे में, समय- समय पर, इस संहिता से संगत नियम बना सकता है या विशेष
आदेश दे सकता है।
महानगर मजिस्ट्रेटों के न्यायालय –
प्रत्येक महानगर क्षेत्र में महानगर मजिस्ट्रेटों के इतने न्यायालय, ऐसे स्थानो
में स्थापित किए जायेगे जितने जो राज्य सरकार, उच्च न्यायालय से परामर्श के
पश्चात, अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे।
मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट और अपर मुख्य
महानगर मजिस्ट्रेट – उच्च न्यायालय अपनी स्थानीय अधिकारिता के भीतर प्रत्येक
महानगर क्षेत्र के उपबंध में महानगर मजिस्ट्रेट को ऐसे महानगर क्षेत्र का मुख्य
महानगर मजिस्ट्रेट नियुक्त करेगा।
उच्च न्यायालय किसी महानगर मजिस्ट्रेट को अपर
मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट नियुक्त कर सकता है, और ऐसे मजिस्ट्रेट को, इस संहिता
के अधीन या तत्समय प्रवित्त किसी अन्य विधि के अधीन मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट
की सब शक्तियां निर्देश देय होगी
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