Tuesday, 6 March 2018

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समय के सदुपयोग में ही जीवन की सफलता का रहस्‍य निहित है। चाहे वह निर्धन हो या धनवान राजा हो या रंक, मूर्ख हो या विद्यवान, समय किसी के लिए अपनी गति मंद नहीं करता। इसलिए सबको जीवन में सफलता के लिए समय का सदुपयोग करना ही पढ़ता है। परीक्षा में निश्चित सफलता के लिए समय रहते एवं परीक्षा से पहले तैयारी करना आवश्‍यक होता है।
 आज तक जितने भी महापुरूष हुए  है उनकी सफलता का रहस्‍य जीवन के हर पल का सदुपयोग ही रहा है। कठिनाईयों एवं संघर्षो का सामना करते हुए वे निरंतर अपने निर्धारित लक्ष्‍य की ओर बढते जा रहे है और एक दिन अपने लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में सफलत रहेंगे। समय के मूल्‍य को समझने वाले लोगों की दिनचर्या हर रोज सुबह शुरू हो जाती है। बुद्धिमान व्‍यक्ति अपने अवकाश के समय को भी व्‍यर्थ नहीं जाने देते किंतु आलसी एवं अर्कमण्‍य लोग देर तक सोये रहेते है। ऐसे लोगों को ही मूर्ख कहा जाता है।
         जीवन में प्रत्‍येक कार्य के लिए नियत समय निर्धारित होता है पढने के समय पढ़ना चाहिए एवं खेलने के समय खेलना चाहिए। कक्षा मे बैठकर खेलकूंद की बातों में खोये रहना एवं खेल के मैदान में पढ़ाई लिखाई का बाते करने को तर्क संगत नहीं कहा जा सकता।
         अंग्रेजी में कहा गया है वर्क भाईल यू वर्क एंड प्‍ले भाईल यू प्‍ले दिस ईज दा वे टू वी हैप्‍पी ईच डे। अर्थात प्रत्‍येक दिन खुश रहने के लिए काम के समय काम करो एवं खेल के समय खेलों। दिन भर काम करने के बाद रात्रि में समय पर विस्‍तर सोने के लिए चले जाना चाहिए। देर से सोने से स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रतिकूल प्रभाव पढ़ता है।

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