Wednesday, 7 March 2018

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हमारा उच्‍चतम न्‍यायालय किसी भी नियम कानून पर विचार कर सकता है और आवश्‍यक हो तो उसे असंविधानिक घोषित कर सकता है। हमारा देश एक धर्म निरपेक्ष राज्‍य है। इसका तात्‍पर्य है कि यहां सभी धर्मो को समान रूप से स्‍वतंत्रता है। यहां कोई राज्‍य धर्म नहीं है केन्‍द्र या राज्‍य सरकारें किसी भी धर्म विशेष का पक्ष नहीं लेती। धर्म के नाम पर कोई भेदभाव नहीं है। हमारा संविधान लगभग पचास वर्ष पुराना है। इससे हमारे देश को आगे बढने में बढ़ी सहायता  मिली है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि इसमें हमारी बदलती हुई आवश्‍यकताओं के अनुरूप मूलभूत परिवर्तन होना चाहिए। 26 जनवरी 1950 से यह प्रभाव में आया और भारत एक सर्वप्रभुत्‍ता सम्‍पन्‍न लोकतंत्रीय गणराज्‍य बन गया है। इसका तात्‍पर्य यह है कि भारत पर इसके किसी भी कार्य, नीति आदि के संबंध में किसी बाहरी शक्ति का कोई हस्‍तक्षेप नहीं है और यहां कि जनता और उसके चुने हुए प्रतिनिधियों में ही अंतिम और संपूर्ण शक्ति है। केन्‍द्र में अप्रत्‍यक्ष रूप से निर्वाचित राष्‍ट्रपति ही देश का प्रधान है लेकिन वास्‍तविक सत्‍ता का उपयोग प्रधानमंत्री और उनका मंत्रीमण्‍डल करता है। प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी मंत्री संसद के प्रति उत्‍तरदायी होते है। संसद के दो घर है लोकसभा, राज्‍य सभा।
         हमारा संविधान पूरी तरह लिखित है इसकी कई अन्‍य विशेषताए भी है। यह कठोर है। जहां तक संविधान में संशोधन का प्रश्‍न है यह बड़ा कठोर है। संविधान के मूल फारवे में परिवर्तन सरल नहीं है। इसका लचीलापन देश के विकास में सहायक है। इसका कई बार आवश्‍यकतानुसार संशोधन भी किया जा चुका है। यह संघीय भी है और केन्‍द्रीय भी है। केन्‍द्र व राज्‍यों कें बीच अधिकारों और विषयों का साफ साफ  बंटवारा है। लेकिन केन्‍द्र अधिक शक्तिशाली है। केन्‍द्र ही राज्‍यों में राज्‍यपालों की नियुक्ति करता है। हमारा संविधान विश्‍व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
         लोकसभा के सदस्‍य जनता द्वारा सीधे चुने जाते है। हर वयस्‍क भारतीय को चुनाव में अपना मताधिकार उपयोग करने की स्‍वतंत्रता रहती है। भारत विश्‍व का  सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत के वयस्‍क मतदाता राज्‍यो में विधान सभाओं कें सदस्‍यों का भी प्रत्‍यक्ष रूप से चुनाव करते है। राज्‍यों में राज्‍यपाल प्रमुख है। लेकिन वास्‍तविक सत्‍ता मुख्‍यमंत्री और उसके मंत्री मण्‍डल में निहित रहती है। देश में सारे कार्य राष्‍ट्रपति के नाम पर किए जाते है।

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