Wednesday, 7 March 2018

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समय 9 मिनिट

जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के लिए उत्‍तर प्रदेश में दिनों दिन चुनौती बढ़ती जा रही है। रीता बहुगुणा जोशी सहित कई विधायकों ने  प्रशांत किशोर पर प्रहार किए है। तो क्‍या कांग्रेस में मसी सियासी भगदढ़ के लिए पीके भी जिम्‍मेदार है और क्‍या राहुल गांधी के साथ साथ पीके की इमेज भी दाव पर लगी है?

लगातार पार्टी छोड़कर  जा रहे नेताओं ने यहां कांग्रेस और पीके दोनो की डगर काफी कठिन कर दी है। राजनीतिक विष्‍लेषकों की माने तो प्रशांत किशोर की तो प्रोफेसनल इमेज दाव पर लगी है। क्‍योंकि उन्‍होंने उत्‍तर प्रदेश मे बिखरी और सुस्‍त पढ़ी कांग्रेस को ठीक करने का काम लिया है। उससे भी बड़ी बात यह है राहुल गांधी की इमेज का क्‍या होगा? दरअसल जो लोग पार्टी छोड़कर जा रहे है उनके गुस्‍से में प्रशांत किशोर भी शामिल है। 

रीता बहुगुणा जोशी का जाना कांग्रेस को मनोवैज्ञानिक रूप से पूरे चुनाव में परेशान करेगा। राज्‍य में कांग्रेस के 28 विधायक थे जिनमें से पांच भाजपा तीन वसपा और एक सपा में शामिल हो चुका है। पंजाब में भाजपा के लिए ड्रग्‍स बड़ा मुद्दा नहीं है वह विकास के मुद्दे को लेकर  चुनाव मैदान में  उतरेगी। पंजाब भाजपा के चुनाव प्रभारी एवं केन्‍द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्‍द्र तोमर ने कहा कि अकाली गठजोड़ के साथ भाजपा केन्‍द्र सरकार और राज्‍य सरकार द्वारा कराए विकास कार्यो को चुनावी मुद्दा बनाएगे उन्‍होंने कहा कि मोदी सरकार के वक्‍त ही पंजाब में एनएचएआई ने 4 एंड 6 लेने का जाल विछाया है। 

पंजाब के चुनाव प्रभारी बनने के बाद पहली बार पाजाब के दौरे पर आये तोमर ने शुक्रवार को यहां भाजपा की ओरर कमेटी, सांसदो –विधायकों मेयर्स, जिला प्रधानों कें साथ बैठक की। बैठक में आगामी विधान सभा चुनाव में पार्टी की रणनीति पर चर्चा की गई। इस बीच तोमर ने डिप्‍टी सीएम सुखबीर वादल से भी मुलाकात कर गठबंधन की साझा चुनावी रणनीति पर बात की। उड़ी हमले के बाद पाक अधिकृ‍त कश्‍मीर में भारतीय सेना के सफल सर्जीकल स्‍ट्राईक को विधानसभा चुनाव में मुद्दा बनाया गया।

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